कांग्रेस का दावा- साल 2017 में इजराइली सॉफ्टवेयर से जासूसी कराने चाहते थे रमन सिंह, पूर्व सीएम ने पूछा- 4 साल से कहां थे भाई

टीआरपी डेस्क। देश में पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए जासूसी का मामला सामने आते ही प्रदेश की राजनीति में भी बयानबाजी तेज हो गई है। कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह ने एक ट्वीट के जरिए दावा किया है कि साल 2017 में जब भाजपा की सरकार थी तब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश के कुछ नामी लोगों की जासूसी का प्रयास किया था। इसके लिए उन्होंने इजराइल के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस की सेवाएं लेने की कोशिश भी की थी।

कांग्रेस प्रवक्ता का ट्वीट

कांग्रेस के नेता सुबह अखबार पढ़कर बनाते हैं मुद्दा

मंगलवार को भाजपा के प्रदेश कार्यालय में डॉ रमन सिंह भारतीय जनता युवा मोर्चा की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे। पत्रकारों ने कांग्रेस प्रवक्ता के आरोप पर सवाल किया तो बोले- चार साल बाद क्या कांग्रेसियों को सपना आ रहा है कि उनकी जासूसी हुई थी या फोन टेप हुआ था, कांग्रेस के नेता सुबह अखबार पढ़कर मुद्दा बनाने वाले लोग हैं। इनको सोनिया गांधी की तरफ से जो निर्देश आता है, उस आधार पर मुद्दा बनाते हैं। 4 साल पहले कहां थे भाई, दिल्ली से जो निर्देश मिलता है उसे फॉलो करो बस यही इनका काम है।

क्‍या है पेगासस फोन हैकिंग विवाद?

संसद में मानसूत्र के ऐन पहले रव‍िवार को एक सनसनीखेज रिपोर्ट सामने आई। यह रिपोर्ट दुनियाभर के 17 मीडिया संस्‍थानों के कंसोर्टियम ने जारी की। इसमें कहा गया कि इजरायल के पेगासस स्‍पाईवेयर की मदद से भारत में कई नेताओं, पत्रकारों और सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोगों का फोन हैक किया गया है। रिपोर्ट में 150 से ज्‍यादा लोगों के फोन हैक करने की बात कही गई है। हालांकि, भारत सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया। साथ ही यह भी कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहां प्राइवेसी मौलिक अधिकार है।

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