क्या Delta Variant की वजह से आएगी कोरोना की तीसरी लहर? सामने आए डराने वाले आंकड़े

टीआरपी डेस्क। पिछले एक हफ्ते में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामलों में वैश्विक स्तर पर बढ़ोतरी हुई है। 12 से 18 जुलाई 2021 के बीच के आंकड़ों के आधार पर विश्व स्वास्थय संगठन (World Health Organization) ने बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है।

पिछले हफ्ते रोजाना 4 लाख मामले रिपोर्ट हो रहे थे जबकि इस हफ्ते रोजाना 4 लाख 90 हजार से ज्यादा कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। अमेरिका और यूरोप में पिछले सप्ताह सबसे तेजी से कोरोना वायरस के मरीज बढ़े हैं। सबसे ज्यादा मामले रिपोर्ट करने वाले देशों में भारत का स्थान चौथा है। हालांकि भारत में पिछले हफ्ते के मुकाबले कोरोना के नए मरीजों की संख्या कम हुई है।

इन 5 देशों में तेजी से बढ़ रहे हैं मामले

1- पिछले सप्ताह इंडोनेशिया में सबसे ज्यादा नए केस दर्ज किए गए। वहां साढ़े तीन लाख से ज्यादा केस दर्ज किए गए। ये संख्या उससे पहले वाले हफ्ते के मुकाबले 44 प्रतिशत ज्यादा है।
2- यूनाइटेड किंगडम में पिछले हफ्ते तकरीबन 3 लाख मामले दर्ज किए गए। वहां भी केस 41 प्रतिशत बढ़ गए।
3- ब्राजील तीसरे नंबर पर रहा जहां तीन लाख से कुछ कम केस दर्ज हुए। वहां 14 प्रतिशत केस बढ़े।
4- भारत में पिछले सप्ताह 2 लाख 68 हजार केस दर्ज हुए हैं। हालांकि भारत में नए केस में पिछले सप्ताह के मुकाबले 8 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई है।
5- अमेरिका में सवा दो लाख के करीब (216 433 ) मामले दर्ज हुए हैं हालांकि पिछले सप्ताह के मुकाबले वहां 68 प्रतिशत केस बढ़ गए हैं।

कहां कौन-सा वेरिएंट?

अल्फा वेरिएंट– 180 देशों में फैला है, पिछले हफ्ते 6 नए देशों में फैला।
बीटा वेरिएंट– 130 देशों में फैला है, पिछले हफ्ते 7 नए देशों में फैला।
गामा वेरिएंट– 78 देशों में फैला, तीन नए देशों में बनाई पिछले हफ्ते जगह।
डेल्टा वेरिएंट– ये वेरिएंट अब 124 देशों में फैल चुका है। पिछले एक हफ्ते में 13 नए देशों में इस तेजी से संक्रमित करनो वाले वेरिएंट ने अपनी जगह बनाई है।

डेल्टा वेरिएंट से परेशान दुनिया के ये देश

पिछले एक महीने में डेल्टा वेरिएंट 75 प्रतिशत बढ़ गया है। ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, चीन, भारत, इंडोनेशिया, इजरायल, साउथ अफ्रीका और यूके जैसे देशों में ये तेजी से फैल चुका है।

कोरोना के इस रूप से आएगी तीसरी लहर?

चीन में हुई एक स्टडी में पता चला है कि डेल्टा वेरिएंट 4 दिन के अंदर व्यक्ति को संक्रमित कर देता है। यानी उसका पीसीआर टेस्ट 4 दिन में ही पॉजिटिव आ जाता है। कोरोना वायरस के साधारण वेरिएंट के मुकाबले डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित व्यक्ति का वायरल लोड 1200 गुना ज्यादा हो सकता है। वायरस का ऐसा रूप जो वेरिएंट ऑफ कंसर्न नहीं है, वो कम खतरनाक है। जबकि वेरिएंट ऑफ कंसर्न से खतरा ज्यादा है।

डेल्टा वेरिएंट से मौत का खतरा ज्यादा

कनाडा में कोरोना के 2 लाख से ज्यादा मामलों पर स्टडी की गई जिसमें देखा गया कि डेल्टा वेरिएंट तेजी से फैल रहा है। साधारण कोरोना वायरस के मुकाबले डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित व्यक्ति के अस्पताल में भर्ती होने की आशंका 120%, आईसीयू में जाने की आशंका 287% और मौत की आशंका 137% ज्यादा देखी गई। इसी तरह अल्फा, बीटा और गामा वेरिएंट से कुल मिलाकर बीमारी के गंभीर होने का खतरा 59%, अस्पताल में भ्रती होने की आशंका और मौत का खतरा 61% तक बढ़ जाता है। हालांकि राहत की बात ये है कि वैक्सीन सभी वेरिएंट के खिलाफ काम कर रही है।

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