बॉलीवुड डेस्क। कृति सेनन और पंकज त्रिपाठी की फ़िल्म ‘मिमी’ रिलीज डेट से 4 दिन पहले लांच की गई। ट्रेलर देखकर लोगों को एक खास उम्मीद थी कि ये फ़िल्म उन्हें इमोशन और कॉमेडी दोनों का अच्छा कॉम्बिनेशन मिलेगा मगर फ़िल्म देखने के बाद दर्शक उतने खुश नहीं हुए जितनी उम्मीद उन्हें ट्रेलर से थी।

फिल्म के डायरेक्टर लक्ष्मण उतेकर ने फ़िल्म का सब्जेक्ट नया लिया था जिसमें सरोगेसी जैसे टॉपिक पर फ़िल्म बनाई गई। मगर फ़िल्म की कहानी को इतना घुमावदार बनाया की दर्शक से उसका मुख्य मनोरंजन छीन लिया। या यह भी कहा जा सकता है कि कहानी ऑडियंस की उम्मीदों पर खरा उतर पाई।
सेंसिटिव और इमोशनल सीन में भी नजर आई कॉमेडी
अगर आम तौर पर सोचा जाए तो किसी भी लड़की के लिए सरोगेट मदर बनना आसान फैसला नहीं होता, लेकिन मिमी इस बात के लिए आसानी से मान जाती है। उसकी प्रेग्नेंसी फेज, समाज का विरोध, बच्चे के साथ मां का जुड़ाव, फिल्म में ये सब बड़ी ही जल्दबाजी में बिना उसके इमोशंस दिखाए पार कर दिए गए हैं।
फिल्म में कई जगह लगा कि कॉमेडी की धुन बेवजह बजाई जा रही है। हालांकि पंकज त्रिपाठी की कॉमिक टाइमिंग बिल्कुल सही रही है। पर फिर भी फिल्म के एक सेंसिटिव और इमोशनल सीन में भी कॉमेडी की कोशिश नजर आई है।
सई और सुप्रिया अपने किरदार में किया शानदार काम
कृति सेनन के काम पर कोई शक नहीं किया जा सकता।कृति ने अपने किरदार में शानदार काम किया है। पंकज त्रिपाठी के अंदाज से तो हर कोई वाकिफ है. इंटेंस हो या कॉमिक सीन, पंकज ने हर सीन पर अपनी पकड़ रखी और दिल जीत लिया. फिल्म में सई तम्हानकर ने काबिले तारीफ काम किया है। उनकी मौजूदगी फिल्म का प्लस प्वॉइन्ट लगी। वहीं मनोज पाहवा और सुप्रिया पाठक के अभिनय की भी दाद देनी पड़ेगी। हालांकि सुप्रिया की एक्टिंग दूसरे सपोर्टिंग कैरेक्टर्स पर भारी नजर आई।
फिल्म की जान बने AR रहमान के गाने
मिमी में एआर रहमान के गानों ने जादू भर दिया है। परम सुंदरी और रिहाई दे गाने ने मिमी के किरदार और उसकी भावनाओं को निखारा है। जहां परम सुंदरी गाने में मिमी के सपने की झलक दिखाई देती है तो वहीं रिहाई गाना मिमी की भावुकता को जाहिर करती है। फिल्म के सीन्स ने जो काम नहीं किया वो एआर रहमान के गाने ने कर दिखाया।
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