Chhattisgarh State Electricity Board
तेलंगाना से किया गया पॉवर पर्चेस एग्रीमेंट, कोरोना काल में फंसे छत्तीसगढ़ के 3020 करोड़ रुपए, 2016 से अब तक नहीं हुआ है भुगतान

दामिनी बंजारे 

रायपुर। कोरोना काल में छत्तीसगढ़ आर्थिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है और ऐसे में प्रदेश के करीब 3 हजार 20 करोड़ दो राज्यों के बीच फंसे हैं। दरअसल CSEB ने वर्ष 2016 से जुलाई 2021 तक 17 हजार 299 मिलियन यूनिट बिजली बेची थी। जिसका भुगतान केरल और तेलंगाना ने नहीं किया है। 2017 से छत्तीसगढ़ ने केरल को तो बिजली देना बंद कर दिया है। मगर तेलंगाना से अभी 2026-27 तक करार है। जिसके कारण तेलंगाना को बीच में पॉवर देना बंद नहीं किया जा सकता।

हालांकि विपक्ष ने इस पर हंगामा करते हुए मानसून सत्र (2019-20) में इस विषय को उठाया था। बता दें कि यह बिजली का बकाया भुगतान पूर्ववर्ती सरकार के समय का भी है जब राज्य में डॉ. रमन सिंह की सरकार थी। अभी भी यह भुगतान दोनों राज्यों को करना है। वर्तमान में तेलंगाना का 3020 करोड़ बकाया राशि हैं जो अब तक सरकार वसूलने करने में विफल दिखाई दे रही हैं, यह मुद्दा अहम इसलिए बन जाता है क्योंकि प्रदेश महामारी के दौर में है। साथ ही धन राशि मिलने में लेटलतीफी हो रही है।

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छत्तीसगढ़ अपनी आवश्यकता से अधिक ऊर्जा का उत्पाद करता है। यहां कोरबा में तीन ताप संयंत्र हैं। साथ ही कई जगह अन्य संयंत्र लगाने के लिए साउथ ईस्ट कोलपीलट्राम लिमिटेड कोयले के विशाल भंडार वाले क्षेत्रों को खोज रहा है। बिजली उत्पादन में छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों को बिजली बेचा करता है। 2016 से जुलाई 2021 तक तेलंगाना को 17 हजार 299 मिलियन यूनिट बिजली बेची गई है। जिसका 3020 करोड़ आज भी बकाया है।

कांग्रेस सरकार ने बेची अधिक बिजली

रमन सिंह के कार्यकाल में वर्ष 2016 में 2093.25 मिलियन बिजली बेची गई जिसका मूल्य 882 करोड़ रुपए था। जिसके बाद से केरल को बिजली नहीं बेची गई। वहीं तेलंगाना को सबसे अधिक बिजली दी गई। 2018 में 2239 करोड़, 2019 में 463 करोड़ , वर्तमान स्थिति में अब तक 3020 करोड़ रुपए की बिजली बेची गई है।

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2016 से नहीं हुआ है भुगतान

वर्ष 2017 से केरल ने छत्तीसगढ़ से बिजली का उत्पादन नहीं लिया है और करीब 700 करोड़ से अधिक राशि बकाया है। चाहे बीजेपी हो या वर्तमान सरकार दोनों ने बकाया राशि लेने में सक्रियता नहीं दिखाई। नतीजन राज्य के हजारों करोड़ रुपए अन्य राज्यों में फंसे है। वहीं तेलंगाना से 3020 करोड़ अधिक रुपए अब भी बकाया है।

क्या कहा था सीएम ने

वर्ष 2020 शीतकालीन सत्र में जब बिजली उत्पादन के बकाया पैसो का मुद्दा उठा था, तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी बात रखते हुए कहा था कि बकाया राशि की वसूली के लिए दोनों राज्यों की सरकार से बात की जा रही है। केरल राज्य के विरुद्ध जो राशि शेष है उसके लिए उसे तलब किया गया है। वहीं तेलंगाना सरकार की विद्युत कंपनियों के साथ पावर पर्चेस अग्रीमेंट की शर्तों के आधार पर बात करते हुए बकाया राशि भुगतान करने की बात की है।

सरकार कर रही है प्रयास

दोनों राज्यों को मिलाकर करीब 3 हजार करोड़ से अधिक का भुगतान किया जाना है। जिसमें तेलंगाना सरकार पर सबसे ज्यादा बिजली का पैसा बकाया है। इसके लिए सीएम भूपेश बघेल ने बैठक ली थी। मगर हम लोगों का तेलंगाना से पॉवर सप्लाई परचेस एग्रीमेंट है तो 2027 तक हम पूर्णतः भुगतान नहीं करा सकते। छत्तीसगढ़ सरकार ने दोनों राज्यों की सरकार और संयंत्र से बात की है जल्द ही हम बकाया राशि ले लेंगे।
हर्ष गौतम, एमडी, CSEB

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