नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने हाल ही में बनाए गए दिल्ली स्कूल शिक्षा बोर्ड (DSEB) और इंटरनेशनल बैकलॉरिएट बोर्ड (International Baccalaureate Board) के बीच MoU पर साइन करने की बुधवार को घोषणा की, जिससे सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं के लिए उच्चतम स्तर की शिक्षा सुविधाओं तक पहुंच के रास्ते खुलेंगे।

केजरीवाल ने कहा कि इंटरनेशनल बैकलॉरिएट बोर्ड पूरी दुनिया में मौजूद है और हर एक माता-पिता का सपना अपने बच्चों को इस बोर्ड से एफिलिएटेड स्कूलों में भेजने का होता है। उन्होंने ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “MoU पर साइन होने से सरकारी स्कूलों के छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा सुविधाओं तक पहुंच मिल पाएगी।
केजरीवाल ने कहा कि भारत में दो तरह की शिक्षा प्रणालियां हैं-एक अमीरों के लिए और एक गरीबों के लिए। अमीर लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजते हैं, जबकि गरीब लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजते हैं।”सरकारी स्कूलों में ढांचागत बदलाव के दिल्ली सरकार के काम का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शुरुआत में संबंधित कवायद 30 स्कूलों में शुरू की जाएगी।
उन्होंने कहा, “सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स से ट्रेनिंग दिलाई जाएगी। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ बच्चों के मूल्यांकन के बारे में निर्णय करेंगे और स्कूलों का निरीक्षण, वैरिफिकेशन और सर्टिफिकेशन करेंगे। केजरीवाल ने कहा, “हम आजादी के 75 साल का जश्न मना रहे हैं और इससे उम्मीद की एक किरण दिखती है। हमारे बच्चे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगे, जिससे भारत में गरीबी उन्मूलन का मार्ग प्रशस्त होगा।
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