रायपुर। कई सालों से राजधानी के सप्रे शाला मैदान में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर दही-हांडी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। लेकिन इस बार कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के चलते प्रतियोगिता पर संकट का साया मंडरा रहा है। जहां मटकी फोड़ने के लिए प्रदेशभर से 20-25 से अधिक टीमें पहुंचती हैं। एक टोली में ही 50 से अधिक युवा भाग लेते हैं। जिनकी संख्या ही चार-पांच सौ से अधिक होती है। सीमित ने आयोजन करने के लिए जिला प्रशासन को आवेदन दिया है, लेकिन अभी तक प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दी गई है।
इस बार सीमित संख्या होने की उम्मीद
वही समिति द्वारा लगाए गए आवेदन पर प्रशासन ने नियमों काअड़ंगा लगा दिया है।समिति से कहा गया है कि 100 से अधिक लोग शामिल नहीं होंगे, तभी अनुमति दी जाएगी। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी समिति के संस्थापक का कहना है कि प्रशासन ने उमड़ने वाली भीड़ को सीमित रखने का हवाला दिया है, चूंकि प्रतियोगिता 12 बजे से शाम तक मटकी फोड़ने की होड़ लगी रहती है। जिस द्वौरान राउत नाचा, छत्तीसगढ़ी लोकगीत-नृत्य, अखाड़ा प्रदर्शन का आयोजन किया जाता है। जिसे देखने काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं।
कई टीम लेती आईं हैं भाग
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी समिति के नेतृत्व में पिछले पांच साल से कोतवाली चौक स्थित जेल में आधी रात 12 बजे कान्हा के जन्म लेने की प्रस्तुति होती है। इसके बाद कान्हा को जेल परिसर से लेकर सदरबाजार स्थित गोपाल मंदिर में धूमधाम ले जाया जाता है। इस बार भी कोतवाली जेल में कान्हा के जन्म का आयोजन किया जाएगा। सप्रे शाला मैदान में हर साल होने वाली प्रतियोगिता में क्रेन के सहारे 30 फुट ऊंचाई पर मटकी लटकाई जाती है। सप्रे शाला के अलावा गुढ़ियारी इलाके में भी कुछ साल से प्रतियोगिता में लाखों का इनाम जीतने होड़ मचती है। वहां भी इस बार आयोजन नहीं होगा।
Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्राम, कू और वॉट्सएप, पर…