टीआरपी स्पेशल: चुनावी बांड से भाजपा की कमाई 3 हजार 623.28 करोड़, 682.21 करोड़ के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर

नई दिल्ली/टीआरपी संवाददाता। साल 2021 में बीजेपी और एनडीए नीत सरकार केंद्र के अलावे भले ही 17 राज्यों में सिमट गई है मगर चुनावी बांड से हुई कमाई के मामले वो देश की टॉप पार्टी बनी हुई है,जबकि कांग्रेस दूसरे नंबर पर है।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा ने 2019-20 में सबसे अधिक 1,651.022 करोड़ रुपए खर्च किया, उसके बाद कांग्रेस 998.158 करोड़ और टीएमसी 107.277 करोड़ के साथ तीसरे स्थान पर है। इस दौरान 2019-20 में पार्टियों द्वारा 3,429.56 करोड़ के चुनावी बांड भुनाए गए, और इसमें से 87.29% मात्र चार राष्ट्रीय दलों – भाजपा, कांग्रेस, टीएमसी और एनसीपी को प्राप्त हुए।

एडीआर नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान कुल 3,623.28 करोड़ रुपए की आय की घोषणा की, लेकिन इसमें से केवल 45.57% यानि 1,651.022 करोड़) खर्च किया। वहीं 2019-20 में कांग्रेस की कुल आय 682.21 करोड़ थी। पार्टी ने 998.158 करोड़ खर्च किए, जो उस वर्ष की आय से 46.31% अधिक है। ममता बनर्जी की टीएमसी ने वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान कुल 143.676 करोड़ की आय घोषित की, और 107.277 करोड़ यानि 74.67% खर्च किया।

“एडीआर के आरटीआई आवेदन के जवाब में एसबीआई द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के लिए राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित चुनावी बांड की कुल राशि अब तक 3,441.324 करोड़ रुपए है। ,” एडीआर ने कहा है कि राजनीतिक दलों द्वारा घोषित राशि और एसबीआई से प्राप्त ईबी के डेटा में अंतर इस तरीके के कारण हो सकता है कौन सी पार्टियां अपनी ऑडिट रिपोर्ट में रिपोर्ट करती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि, सात राष्ट्रीय दलों भाजपा, कांग्रेस, सीपीएम, राकांपा, बसपा, एआईटीसी और भाकपा ने पूरे भारत से कुल 4,758.206 करोड़ रुपए की आय घोषित की है।

क्षेत्रीय दलों में टीएमसी सबसे आगे

चुनाव अधिकार निकाय ने कहा कि जिन राष्ट्रीय दलों को दान या योगदान से अधिकतम आय प्राप्त हुई उनमें भाजपा 3,427.775 करोड़, कांग्रेस 469.386 करोड़, एआईटीसी 108.548 करोड़, सीपीएम 93.017 करोड़ और सीपीआई 3,427.775 करोड़ शामिल हैं।

राजनीतिक दलों की कुल कमाई का 62.92% हिस्सा चुनावी बांड से

रिपोर्ट में कहा गया है कि चार राष्ट्रीय दलों अर्थात् भाजपा, कांग्रेस, एआईटीसी और एनसीपी ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए चुनावी बांड के माध्यम से अपनी कुल आय का 62.92% यानि 2,993.826 करोड़ एकत्र किया। भाजपा को चुनावी बांड के माध्यम से ​​2,555.0001 करोड़, कांग्रेस को 317.861 रुपए मिले। एआईटीसी को 100.4646 करोड़ और एनसीपी को 20.50 करोड़ मिले हैं।

सबसे ज्यादा खर्च चुनाव प्रचार में

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2019-20 में राष्ट्रीय दलों के लिए खर्च की सबसे ज्यादा राशि चुनाव प्रचार और पार्टी के संचालन के लिए खर्च किए गए हैं।

50.34% बढ़ी बीजेपी की आय,कांग्रेस की आय घटकर हुई 25.69%

एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018-19 और 2019-20 के बीच, भाजपा की आय बढ़कर 50.34% यानि 1,213.20 करोड़ बढ़कर 2,410.08 करोड़ से 3,623.28 करोड़ हो गई। इसी दौरान कांग्रेस की आय 2018-19 के दौरान 918.03 करोड़ से 25.69% यानि 235.82 करोड़ घटकर 2019-20 के दौरान 682.21 करोड़ हो गई।

फाइनेंस एक्ट 2017 के तहत शुरू हुई थी इलेक्टोरल बॉन्ड की सुविधा

आपको बता दें कि इलेक्टोरल बॉन्ड की ये व्यवस्था फाइनेंस एक्ट 2017 के द्वारा लाई गई थी, यह बॉन्ड साल में चार बार जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में जारी किए जाते हैं। इसके लिए ग्राहक बैंक की शाखा में जाकर या उसकी वेबसाइट पर ऑनलाइन जाकर इसे खरीद सकता है।

कोई भी डोनर अपनी पहचान छुपाते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से एक करोड़ रुपए तक मूल्य के इलेक्टोरल बॉन्ड्स खरीद कर अपनी पसंद के राजनीतिक दल को चंदे के रूप में दे सकता है। ये व्यवस्था दानकर्ताओं की पहचान नहीं उजागर करती और उसे आयकर से भी छूट प्राप्त होती है।आम चुनाव में कम से कम 1 फीसदी वोट हासिल करने वाले राजनीतिक दल ही इस बॉन्ड से चंदा हासिल कर सकते हैं।

ये बता दें कि केंद्र सरकार ने इस दावे के साथ इस बॉन्ड की शुरुआत की थी कि इससे राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता बढ़ेगी और साफ-सुथरा धन आएगा। तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जनवरी 2018 में लिखा था, ‘इलेक्टोरल बॉन्ड की योजना राजनीतिक फंडिंग की व्यवस्था में ‘साफ-सुथरा’ धन लाने और ‘पारदर्श‍िता’ बढ़ाने के लिए लाई गई है।

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