Para athlete Bhavinaben Patel captured the silver medal,
पैरा एथलीट भविनाबेन पटेल का सिल्वर मेडल पर कब्जा, चीन की झाउ यिंग से हारीं मगर जीता देश का दिल

नई दिल्ली। टोक्यो पैरालंपिक खेलों में महिला एकल वर्ग 4 टेबल टेनिस स्पर्धा के फाइनल में गोल्ड मेडल के लिए भाविना पटेल का मुकाबला चीन की पैरा एथलीथट यिंग झोउ से हुआ। हालांकि फाइनल में भाविना को हार का सामना करना पड़ा लेकिन भारत को पहला सिल्वर मेडल पदक जीतकर इतिहास रच दिया।

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भारतीय खिलाड़ी को नहीं दिया गया मौका

फाइनल में भाविना को चीनी खिलाड़ी झाउ यिंग के हाथों उन्‍हें 11-7, 11- 5, 11-6 से हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले भाविना ने अपने सेमीफाइनल मुकाबले में चीन की मियाओ झांग पर 3-2 से हराया था और पैरालंपिक टेबल टेनिस स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने में सफल रही थीं। भाविनाबेन ने पहले गेम में झाउ यिंग को अच्छी टक्कर दी लेकिन चीन की दो बार की पूर्व स्वर्ण पदक खिलाड़ी ने एक बार लय हासिल करने के बाद भारतीय खिलाड़ी को कोई मौका नहीं दिया और सीधे गेम में आसान जीत दर्ज की।

फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय

भाविना ने इसके साथ ही इतिहास भी रच दिया। वह पैरालिंपिक के इस स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय हैं। भाविना के इस शानदार प्रदर्शन पर उन्हें सोशल मीडिया पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर खेल जगत की दिग्गज हस्तियों ने भारतीय स्टार एथलीट के प्रदर्शन की जमकर सराहना कर रहे हैं।

ऐतिहासिक जीत के साथ सिल्वर मेडल 

पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘ असाधारण भाविना पटेल ने रचा इतिहास! वह ऐतिहासिक सिल्वर मेडल घर लाईं। इसके लिए उन्हें बधाई। उनकी जीवन यात्रा प्रेरित करने वाली है और अधिक युवाओं को खेलों के प्रति आकर्षित करेगी।

सिल्वर मेडल जीतने पर पीएम मोदी ने भाविना से फोन पर उन्हें बधाई दी। मोदी ने भाविना की जमकर सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने इतिहास रच दिया। पीएम ने भारतीय एथलीट को भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी।

सेमीफाइनल में चीन कड़ी टक्कर दिया 

भाविना ने शनिवार को सेमीफाइनल मुकाबले में चीन की मियाओ झांग को कड़े मुकाबले में 3-2 से हराया। पटेल ने दुनिया की तीसरे नंबर की खिलाड़ी को 7-11, 11-7, 11-4, 9-11, 11-8 से हराकर भारतीय खेमे में भी सभी को चौंका दिया था।

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गुजरात के मैहसाणा जिले में एक छोटी परचून की दुकान चलाने वाले हंसमुखभाई पटेल की बेटी भाविना को पदक का दावेदार भी नहीं माना जा रहा था लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से इतिहास रच दिया। पटेल 2011 में दुनिया की दूसरेनंबर की खिलाड़ी भी बनी थीं।

शौक से शुरू किया खेलना  

भाविना ने शौक के तौर पर टेबिल टेनिस खेलना शुरू किया था। लेकिन उन्होंने अपने इस शौक को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया। दरअसल भाविना ने खुद को फिट रखने के लिए टेबल टेनिस खेलना शुरू किया था. इसके बाद साल 2014 में भाविना के पिता ने अहमदाबाद में दृष्टिहीन लोगों के लिए बनाए गए एक संगठन में ले गए, जहां से भाविना के टेबल टेनिस के करियर की शुरूआत हुई। यहां पर भाविना को यह संगठन आर्थिक तौर पर मदद करने लगा।

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