Rajendra Trivedi Gujrat
गुजरात के विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी इन दिनों 10 विधायकों और अधिकारी-कर्मचारियों समेत 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ वे छत्तीसगढ़ भ्रमण पर हैं

दामिनी बंजारे 

रायपुर। सामाजिक और संस्कृति के रूप में कहीं न कहीं गुजरात और छत्तीसगढ़ एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। वर्तमान की बात करें तो आप गुजरात में जाकर अगर देखेंगे तो वहाँ बस्तर के लोकनृत्य को ग्रहण करने वालों की संख्या बढ़ रही है और यहाँ यानि छत्तीसगढ़ में गरबा नृत्य को पसंद किया जा रहा है। इस प्रकार संस्कृति का आदान-प्रदान कहीं न कहीं दो राज्यों के मधुर संबंध स्थापित करता है। ये कहना है गुजरात के विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी का।

इन दिनों 10 विधायकों और अधिकारी-कर्मचारियों समेत 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ वे छत्तीसगढ़ भ्रमण पर हैं। इस दौरान उन्होंने टीआरपी से अपने दौरे को लेकर खास चर्चा की। गौरतलब है कि केंद्र सरकार के उच्च शिक्षा विभाग और मानव संसाधन विभाग द्वारा विधिवत में राष्ट्रीय एकता की भावना, समृद्ध विरासत, संस्कृति परंपराओं के जुड़ाव को बढ़ावा दे रही है। इस उद्देश्य से एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के समन्वय के तहत गुजरात और छत्तीसगढ़ राज्य को भागीदार राज्य बनाया जा रहा है।

Gujarat's assembly speaker Rajendra Trivedi CM Chief Minister Bhupesh Baghel
गुजरात के विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी को भाई छत्तीसगढ़ की संस्कृति कहा- सीएम काफी मिलनसार

छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी और उनके साथ आए सदस्यों राजधानी सहित अलग अलग जगहों का भ्रमण किया। उन्हें सिरपुर, लक्ष्मण मंदिर, बौद्ध स्तुप, गंधेश्वर मंदिर, बाजार गुफा, राजधानी के महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय, गढ़ कलेवा, के साथ प्रदेश में बने विरासत से अवगत कराया गया। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी मुलाकात की।

मिले सम्बन्ध के प्रमाण

अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने साक्षात्कार के दौरान बताया की दोनों राज्यों की कला संस्कृति एक दूसरे से मिलता जुलता ही हैं। पुरातत्व की दृष्टि से दोनों राज्य बहुत पुराने हैं सिर्फ पुराने ही नहीं दोनों राज्यों के बीच सम्बन्ध के भी प्रमाण मिले हैं जैसे की सूरत की चीजें यहाँ मिली हैं जिसका उल्लेख राज्य में आता हैं।

मिलनसार हैं भूपेश बघेल

त्रिवेदी ने बताया की उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की। उनका कहना है कि यह मुलाकात किसी राजनीतिक दृष्टि से नहीं, बल्कि एक मित्रता को बढ़ावा देने के मकसद से हुई। सीएम काफी मिलनसार हैं और उन्होंने दिल से हम सभी का स्वागत किया। यही भावना श्रेष्ठ भारत का रूप देने में कारगर होती है। वहीं प्रदेश के लोगों की बात करते हुए उन्होंने कहा कि यहाँ के लोग काफी सरल और सहज हैं।

भाषा ही दिलों को जोड़ती है

राजेन्द्र भाई त्रिवेदी ने कहा कि जहां भाव होता है वहां भाषा कोई बाधा उत्पन्न नहीं करती। भाव को पेश करने का एक जरिया भाषा हो सकती है। मगर भाव अगर समझे जाएं तो हम आसानी से एक दूसरे की भाषा की शैली को जान सकते हैं। उन्होंने मातृभाषा पर अधिक जोर देने की बात भी कही। उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ी भाषा माँ के समान है और इसे बोलने में कोई भी संकोच नहीं करना चाहिए। हमें इसका सम्मान करना चाहिए।

आदिवासियों की तारीफ

विदित हो कि गुजरात से आया प्रतिनिधि मंडल छत्तीसगढ़ के दौरे पर है और यहां की संस्कृति और पर्यटन स्थल का भ्रमण कर रहा है। इस पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यहां 146 साल पहले बने महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय काफी अलौकिक हैं। साथ ही वहां बने गांधी के तीन बंदरों के बारे में जिक्र किया। आदिवासियों द्वारा बने घर व उनकी संस्कृति की तारीफ भी उन्होंने की। इसके अलावा उन्होंने कहा कि यहां के आर्किटेक्ट में और गुजरात के आर्किटेक्ट में कुछ भिन्नता है। यहां पुरातन संस्कृति को दर्शाते हुए कारीगरी की गई है जो काफी आकर्षक है।

गुजरात के लोगों को पसंद आ रहा चावल

जब छत्तीसगढ़ी खानों की बात आती हैं तो प्रदेश ही नहीं सभी राज्यों में छत्तीसगढ़ के खानों की चर्चा सभी जगह है। साथ ही त्रिवेदी ने यहाँ के लाई से बनने वाले लडडू की तारीफ की।

ट्रैफिक व्यवस्था की सराहना

राजेंद्र भाई त्रिवेदी ने साक्षात्कार के दौरान अन्य राज्यों की तुलना करते हुए रायपुर की ट्रैफिक और सफाई व्यवस्था की सराहना की। राजधानी की सफाई व्यवस्था, साफ सड़कों साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री द्वारा किए जा रहे कार्यों की तारीफ की। साथ ही उन्होंने कहा कि कहीं-कहीं गटर और नाली खुले में हैं जिसकी व्यवस्था पर सरकार को काम करने की जरूरत है।

क्या है एक भारत श्रेष्ठ भारत के कार्यक्रम

केंद्र सरकार के उच्च शिक्षा विभाग और मानव संसाधन विभाग द्वारा विधिवत में एकता, राष्ट्रीय एकता की भावना, समृद्ध विरासत, संस्कृति परंपराओं के जुड़ाव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक भारत श्रेष्ठ भारत के कार्यक्रम चलाया जा रहा हैं। जिसके तरह उस राज्य की भाषा, इतिहास, संस्कृति, ज्ञान विज्ञान आदि को अपनायेगा और उसको पूरे देश के सामने एक नयी और प्रभावशाली योजना एवं पहल है। जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सरदार वल्लभ भाई पटेल (31 अक्टूबर 2015) की 140वीं वर्षगांठ के शुभ अवसर पर की गयी थी।

Ek-Bharat-Shreshtha-Bharat in-Hindi Gujarat's assembly speaker Rajendra Trived
इन दिनों 10 विधायकों और अधिकारी-कर्मचारियों समेत 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ वे छत्तीसगढ़ भ्रमण पर

इस योजना का उद्देश्य मौजूदा सांस्कृतिक संबंधों के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में एकता को बढ़ावा देना हैं। इसका उद्देश्य उन भारतीयों के बीच के संबंधों को सुधारना है, जो पूरे देश में अलग-अलग भागों में रह रहे हैं। ये पहल लोगों को लोगों से जोड़ेगी जो वास्तव में भारत में एकता को बढ़ावा मिलेगा।

एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना का शुभारम्भ सरकार द्वारा भारत के राज्यों के लिये किया गया है। जिसके अनुसार प्रत्येक वर्ष एक राज्य द्वारा किसी अन्य राज्य का चुनाव किया जाएगा और उस राज्य की भाषा, इतिहास, संस्कृति, ज्ञान विज्ञान आदि को अपनायेगा और उसको पूरे देश के सामने रखेगा।

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