मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को प्रशांत किशोर पर नहीं है भरोसा... पोता संभालेंगा चुनावी प्रबंधन की कमान

टीआरपी डेस्क। अगले साल 2022 की शुरुआत में पंजाब में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे लेकर राज्य में  चुनावी तैयारियां जोरों पर हैं। चुनाव प्रचार की रूपरेखा और कार्ययोजना तय करने के लिए एजेंसियों की मदद ली जा रही है। वर्तमान में पंजाब के चुनावी बाजार में पांच लाख रुपए प्रति सीट से लेकर दो करोड़ रुपए तक के बजट वाली एजेंसियां काम कर रही हैं।

वहीं इसबार मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस बार चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सेवाएं नहीं लेने का फैसला किया है। उनका चुनावी प्रबंधन उनका पोता देख रहा है। चाहे बड़े नेता हों या फिर छोटे संभावित उम्मीदवार सभी इन एजेंसियों की सहायता ले रहे हैं या फिर ले चुके हैं। इन एजेंसियों की फीस पांच लाख से दो करोड़ रुपए तक जा सकती है। वहीं, शिरोमणि अकाली दल (SAD) के सुखबीर सिंह बादल ने माइंडशेयर एनालिटिक्स नाम की एजेंसी की सेवाएं लेने का फैसला किया है।

चेन्नई के सुनील कानुगोलु की माइंडशेयर एनालिटिक्स के अलावा, चंडीगढ़ की डिजाइन बॉक्स्ड, बेंगलुरु की पोल मैट्रिक्स कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड, पलामू (झारखंड) की कॉग्नेट आरंभ सर्विसेज और गुड़गांव की पॉलिटिकल एज सहित कई अन्य एजेंसियां इस समय पंजाब के चुनावी प्रचार मैदान का मोर्चा संभालने के लिए तैयार हैं।

इन कंपनियों की डील पैकेज में सर्वे, डोर-टू-डोर अभियान, सोशल मीडिया संभालना, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, एडिटिंग जैसी चीज़ें शामिल हैं। एजेंसी में अंग्रेजी और हिंदी भाषा के अलावा पंजाबी जानने वाले कॉपी राइटर्स को भी भर्ती किया जा रहा है।

माइंडशेयर एनालिटिक्स ने हाल ही में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के लिए गल पंजाब दी अभियान के साथ चुनावी काम शुरू किया। जिसके तहत पूर्व डिप्टी सीएम ने पूरे पंजाब में यात्रा शुरू कर दी है। अकाली दल की पीआर एंड कम्युनिकेशन टीम के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “कंपनी पार्टी के चुनावी अभियान को समग्र रूप से देखेगी और प्रत्येक उम्मीदवार के साथ सदस्यों को जोड़ेगी।

वे तय करेंगे कि किस समुदाय को क्या संदेश देना है। पार्टी ने अभियान गतिविधियों के लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक के बजट को अंतिम रूप दिया है, जिसमें इस कंपनी की भर्ती भी शामिल है, और हम उम्मीदवारों से योगदान ले रहे हैं।” माइंडशेयर एनालिटिक्स अकाली दल के लिए काम कर रही है, जबकि कई अकाली उम्मीदवारों जैसे दाखा से विधायक मनप्रीत सिंह अयाली और मोगा के उम्मीदवार बरजिंदर सिंह माखन बराड़ ने भी अपने स्तर पर कंपनियों को काम पर रखा है।

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