सिनेमाई अंदाज में किया अपने ही संचालक का डॉक्टरों ने किया अपहरण, 36 घंटे बाद दिल्ली से वापस आए रायपुर... सामने आई चौकाने वाली वजह
सिनेमाई अंदाज में किया अपने ही संचालक का डॉक्टरों ने किया अपहरण, 36 घंटे बाद दिल्ली से वापस आए रायपुर... सामने आई चौकाने वाली वजह

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में जारी कोरोना वायरस के बीच कोरोना के इलाज से हुई कमाई में हिस्सेदारी को लेकर एक खबर सामने आई है।

दरअसल न्यायधानी के राजकिशोर नगर स्थित स्काई हॉस्पिटल के संचालक प्रदीप अग्रवाल का उनके ही हॉस्पिटल में पूर्व में काम करने वाले दो डॉक्टरों और एक नर्सिंग स्टाफ ने अपने दो साथियों के साथ मिल कर कल उनका अपहरण कर लिया है।

आरोपी डॉक्टर उनको कार से UP ले गए। इस बीच आरोपियों की पहचान हुई तो वे प्रदीप अग्रवाल को मंगलवार सुबह 6 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर छोड़कर भाग निकले। वहां से संचालक को लेकर पुलिस मंगलवार को लौटी है। बताया जा रहा है कि विवाद कोरोना काल में हुई कमाई के कमीशन को लेकर था। आरोपियों की तलाश जारी है।

अस्पताल संचालक के भाई ने उन्हें रायपुर की टिकिट करवा के दी, जिससे वो सुबह 8,20 को रायपुर पहुँचे। वहां से उन्हें बिलासपुर पुलिस अपने साथ ले आयी हैं और घटना के बारे में पूछताछ की जा रही है।

मामले में मिली जानकारी के अनुसार बिलासपुर के राजकिशोर नगर में भवन किराए पर ले कर प्रदीप अग्रवाल अस्पताल का संचालन करते हैं। उन्होंने अपने यहां कोरोना के समय दिल्ली स्थित एक एजेंसी के माध्यम से मुरादाबाद निवासी डॉक्टर शैलेन्द्र मसीह डॉक्टर मोहम्मद आरिफ को रखा था।

कोरोना इलाज के नाम पर मरीजों से ली जाती थी मोटी रकम

कोरोना काल के दौरान हास्पिटल में मरीजो द्वारा हॉस्पिटल में बिल के रूप में लम्बे-चौड़े रकम को देख कर डॉक्टरों ने तनख्वाह के अलावा बिल में से कमीशन की मांग की। उनका कहना था कि उनकी मेहनत से ही हास्पिटल को इतनी कमाई हुई हैं, लिहाजा उन्हें भी कमाई में हिस्सा मिलना चाहिए। पर अस्पताल संचालक ने देने से मना कर दिया उसके बाद दोनों पक्षों में विवाद हो गया इसके बाद डॉक्टरों ने सीएमओ को शिकायत करते हुए बताया था कि अस्पताल संचालक उन दवाओं का भी बिल बनवाते हैं जो मरीज को लगी ही नही हैं।

19 सितम्बर को हुआ था अपहरण

लेन देन का विवाद नही सुलझने पर डॉक्टरों ने अस्पताल में ही काम करने वाले एक नर्सिंग स्टाफ और अपने दो अन्य साथियों फिरोज और आलम के माध्यम से अपहरण करने की योजना बनाई। उसके बाद 19 तारीख रविवार की शाम जब प्रदीप अग्रवाल मोपका स्थित सैलून से नीचे उतर रहे थे, तब डॉक्टर शैलेन्द्र डॉक्टर मोहम्मद अस्पताल के ही एक नर्सिंग स्टाफ व फिरोज और आलम ने मिल कर सैलून की सीढ़ियों से ही उन्हें जबरदस्ती उठा लिया और इर्टिंगा गाड़ी में भर लिया। उनकी गाड़ी को एक आरोपी चलाते चलाते उनके स्काई हॉस्पिटल तक पहुँचा जहो पर उनकी कार को हास्पिटल के बाहर ही छोड़ दिया। उसके बाद अन्य साथियों के साथ उसी गाड़ी में जिसमे डॉक्टर थे, रतनपुर फिर पेंड्रा होते हुए उन्हें यूपी के मुरादाबाद ले जाया गया, जहां के दोनों डॉक्टर मूल निवासी हैं।

रात घर वापसी न होने पर घर वालो ने देर रात सरकंडा पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर अपनी खोजबीन शुरू कर दी।

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