हिंदुओ की आस्था के साथ खिलवाड़, देखें किस तरह नदी में किसी सामान की तरह फेंकी जा रही हैं गणपति बप्पा की मूर्तियां

रायपुर। एक ओर जहां शहर में गणेश भक्तों ने 10 दिनों तक भगवान की विधि पूर्वक पूजा की। उन्हें अपने घरों में रखा उनसे अपने परिवार की मंगलकामना की। उन्हीं गणपती बप्पा की प्रतिमाओं को नगर निगम की लचर व्यवस्था के चलते अपमान झेलना पड़ा।

इन दिनों सोशल मीडिया पर प्रतिमा विसर्जन की कुछ तस्वीरें व वीडियो सामने आई हैं। जिसमें आप साफतौर पर देख सकते हैं कि किस तरह कचरा गाड़ी में भगवान गणेश की प्रतिमाओं को ढो कर हमारी आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यहीं नहीं विसर्जन कुंड में भी निगम के कर्मचारी इन्हीं प्रतिमाओं को कुछ इस तरह फेंक रहे थे जैसे ये कोई सामान है।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और तस्वीरें लोगों ने इन्हें महादेव घाट पर ही मोबाइल के कैमरे से ही ली थी। बता दें कि 10 दिनों तक शास्त्र सम्मत विधि से पूजा करने के बाद शास्त्रोक्त विधि से अनंत चतुर्दशी के दिन से इन प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए विसर्जन कुंड तक ले जाने की जिम्मेदारी नगर निगम ने ली। शहर के अलग-अलग इलाकों से छोटी प्रतिमाओं को नगर निगम की कचरा गाड़ी में महादेव घाट में बने अस्थायी कुंड में लाया गया। वहीं एक ट्रक में भी शहर भर से प्रतिमाएं लाई गईं, जिन्हें कर्मचारी करीब 10 फीट की दूरी से ट्रक में चढ़कर सीधे नदी में फेंक रहे थे।

सोशल मीडिया पर नगर निगम की व्यवस्था के साथ-साथ उन आम लोगों पर भी सवाल उठाए जाने लगे। साथ ही विसर्जन स्थन पर भाजपा पार्षदों ने निगम की इस लापरवाही के खिलाफ जमकर हंगामा भी किया। मामला बिगड़ता देख नगर निगम के अफसरों ने 3 कर्मचारियों को विसर्जन ड्यूटी से हटा दिया।

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