नई दिल्ली। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका यात्रा से बौखलाए चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर फिर कायराना हरकतें शुरू कर दी हैं। चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर अपने 50 हजार से अधिक सैनिकों को तैनात करने के बाद बड़े पैमाने पर ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है जो वहां भारतीय चौकियों के करीब उड़ान भर रहे हैं।

आधिकारिक सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी को बताया गया है कि चीनी सेना की ड्रोन गतिविधियां ज्यादातर दौलत बेग ओल्डी सेक्टर, गोगरा हाइट्स और क्षेत्र के अन्य जगहों में दिखाई दे रही है। चीन की इन हरकतों पर भारतीय सेना की पैनी नजर है।
नए इजरायली और भारतीय ड्रोन से रखी जा रही है नजर
सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना बेहद सतर्क है। वह भी बड़े पैमाने पर ड्रोन तैनात कर रही है। जल्द ही वह नए इजरायली और भारतीय ड्रोन को शामिल करेगी। इन ड्रोन को सीमा पर चीन की चुनौती का सामना करने के लिए आपात वित्तीय शक्तियों का इस्तेमाल करके रक्षा बलों की ओर से अधिग्रहित किया गया है। एलएसी पर मौजूदा हालात का जिक्र करते हुए सूत्रों ने बताया कि अब फ्रिक्शन प्वाइंट के मसले को हल करने की जरूरत है।
अस्थायी ढांचों को स्थायी ठिकानों में बदल रहा है चीन
सूत्रों ने बताया कि चीन अभी भी चुप नहीं बैठा है वह अपने सैनिकों के लिए अपने अस्थायी ढांचों को स्थायी ठिकानों के रूप बदल रहा है। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास के इलाकों में तिब्बती गांवों के पास चीन ने सैन्य शिविर बनाए हैं।
गौर करने वाली बात यह है कि चीनी सेना की ओर से ये कैंप कंक्रीट की इमारतों के रूप में बनाए जा रहे हैं। सूत्रों का साफ कहना है कि चीन की ये कारगुजारियां उसके इरादे को प्रत्यक्ष तौर पर दिखा रही हैं। चीन लंबे समय तक अपने सैनिकों की तैनाती को बनाए रखना चाहता है।
सूत्रों का कहना है कि सर्दियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए चीन की ओर से अभी भी कई स्थानों पर निर्माण के काम चल रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह भी है कि चीन ने अप्रैल 2020 से तैनात अपने किसी भी सैनिक टुकड़ी को वापस नहीं लिया है। मौजूदा वक्त में चीनी सेना भारतीय सीमा के पास अपने सैनिकों की लंबी अवधि की तैनाती के एजेंडे पर काम कर रही है।
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