रायपुर। किसान संगठनों द्वारा आज 27 सितंबर को बुलाए गए भारत बंद का प्रदेश में कोई खास असर नहीं देखा गया। प्रदेश कांग्रेस ने इस बंद को अपना पूर्ण समर्थन जरूर दिया गया, मगर बंद को सफल बनाने की जिम्मेदारी किसान संगठनों पर ही छोड़ दी।

केंद्र सरकार द्वारा पारित किये गए 03 कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसान संगठनों द्वारा भारत बंद का आह्वान किया गया था। कांग्रेस पार्टी ने भी इस बंद को समर्थन दिया, मगर बंद को सफल बनाने के लिए कोई भी कांग्रेसी बाहर नहीं निकला। उधर किसान नेताओ ने अपने प्रभाव वाले इलाको में बंद करने के लिए रैली निकाली। राजधानी से लगे हुए आरंग जैसे इलाकों में बंद का थोड़ा बहुत असर नजर आया।
कोल एरिया में सक्रिय रहे कम्युनिस्ट संगठन
SECL के कोरबा सहित जिन इलाको में भी कोयला खदान संचालित हैं, वहां कम्युनिष्ट पार्टी से जुड़े संगठनों द्वारा बंद के समर्थन में आंदोलन किया जा रहा है। कोरबा जिले में तो बांकी क्षेत्र में छत्तीसगढ़ किसान सभा ने चक्का जाम कर दिया, इससे यहाँ घंटों यातायात बाधित रहा। वहीँ इस आंदोलन का कोयला उत्पादन पर कोई भी असर नहीं पड़ा।
नक्सलियों ने दिया बंद को समर्थन
नक्सलियों ने इस भारत बंद का समर्थन किया है। नक्सलियों ने इसका ऐलान करते हुए आमाबेड़ा क्षेत्र में बैनर व पोस्टर लगाए हैं। नक्सलियों ने बैनर के माध्यम से कहा है कि यदि केंद्र सरकार इस कृषि विरोधी कानून को रद्द नहीं करती है तो इस आंदोलन को जारी रखा जायेगा।

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