राजिम के किसान महापंचायत में जुटेंगे दिग्गज, राकेश टिकैत, मेधा पाटकर, योगेंद्र यादव और डॉ सुनीलम होंगे प्रमुख वक्ता
राजिम के किसान महापंचायत में जुटेंगे दिग्गज, राकेश टिकैत, मेधा पाटकर, योगेंद्र यादव और डॉ सुनीलम होंगे प्रमुख वक्ता

रायपुर। केंद्र सरकार के कृषि कानून के खिलाफ किसानों के चल रहे आंदोलन को लेकर देशभर में किसान महापंचायतों का आयोजन हो रहा है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के राजिम में कल होने जा रहे किसान महापंचायत में दिग्गज किसान नेता पहुँच रहे हैं। इन्ही में शामिल डॉ सुनीलम ने TRP न्यूज़ से अनेक मुद्दों पर बातचीत की। उन्होंने बताया कि महापंचायत में प्रमुख किसान नेता राकेश टिकैत के अलावा मेधा पाटकर, योगेंद्र यादव, सत्यवान और लिंगराज सहित अनेक किसान नेता शामिल हो रहे हैं।

केंद्र से वार्ता के लिए हमेशा तैयार है मोर्चा

डॉ सुनीलम से बातचीत के दौरान ही यह खबर आयी कि केंद्रीय मंत्री महेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को बातचीत का रास्ता अपनाने का सुझाव दिया है। इस पर सुनीलम मुस्कुराते हुए कहते हैं कि सरकार से बातचीत के लिए तो संयुक्त किसान मोर्चा शुरू से ही तैयार रहा है। शुरुआत में केंद्र से 11 दौर की वार्ता हुई, इस दौरान 15 से ज्यादा आश्वासन मिले जो आजतक पूरे नहीं हो सके, वहीं वार्ता भी एकाएक बंद कर दी गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हम “वन फोन कॉल अवे” हैं मगर आज तक उनका फोन नहीं आया। हम तो सरकार के लिखित निमंत्रण का आज तक इंतजार कर रहे हैं।

कृषि बिल को लेकर कोई दूसरा विकल्प नहीं

डॉ सुनीलम ने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि बिल को वापस लेने के अलावा मोर्चे के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। उनके मुताबिक नए कृषि कानून का उद्देश्य केवल कॉर्पोरेट खेती को बढ़ावा देने का है, इस कानून में से कुछ प्रावधानों को हटा देने भर से किसानों का भला नहीं होने वाला। इस कानून के आ जाने से कॉर्पोरेट घराना केवल वही फसल लगाएगा जिससे फायदा हो, ऐसा करने से फसलों का संतुलन भी बिगड़ेगा।

उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी जी को समझना चाहिए कि अमेरिका की जनता ने उनके मित्र ट्रम्प को खदेड़ दिया है, वे अमेरिका से लोकतंत्र का पाठ पढ़कर आये हैं, हम तो बार-बार कह रहे हैं कि लोकतंत्र का सम्मान करते हुए हमसे बातचीत करें और मामले का निराकरण करें।

छत्तीसगढ़ की किसान नीति बेहतर, मगर और सुधार की जरुरत

छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य 2500 किये जाने को डॉ सुनीलम ने देश के दूसरे राज्यों से बेहतर बताया, मगर यह भी कहा कि सरकार को किसानों का एक-एक दाना खरीदना चाहिए। साथ ही तमिलनाडु की सरकार की तरह छत्तीसगढ़ के विधानसभा की ओर से भी कृषि बिल को निरस्त करने सम्बन्धी मांग और प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजना चाहिए।

किसान संगठनों द्वारा आज कराये गए भारत बंद को छत्तीसगढ़ में सफलता नहीं मिलने के सवाल पर डॉ सुनीलम ने कहा कि उन्हें ग्रामीण इलाको से बंद के सफल होने की सूचना मिली है, संभव है कि कल के किसान महापंचायत से छत्तीसगढ़ में भी किसानो के बीच नई ऊर्जा का संचार हो।

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