रायपुर। पूर्ववर्ती रमन सरकार के कार्यकाल में हुए चर्चित नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाले में गवाहों का दोबारा प्रतिपरीक्षण जारी है। आरोपी 2 आईएएस अधिकारी डॉ. आलोक शुक्ला एवं अनिल टुटेजा की उपस्थिति बाद प्रकरण में उनके अधिवक्ताओं के द्वारा गवाहों का पुनः प्रतिपरीक्षण किया जा रहा है। ईओडब्ल्यू के विशेष न्यायाधीश लीना अग्रवाल के न्यायालय में सोमवार को चार गवाहों का प्रति परीक्षण हुआ।

आपको बता दें करोड़ों रुपए का घोटाला पूर्ववर्ती रमन सरकार के कार्यकाल में फूटा था। जिसमें सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि, उनके रिश्तेदार, अधिकारी-कर्मचारी एवं ठेकेदारों का नाम प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सामने आया था। प्रदेश के इस सबसे बड़े घोटाले को लेकर ई.ओ.डब्ल्यू. ने लंबी चौड़ी चालान पेश की थी। प्रकरण में कुल 18 आरोपियों के नाम हैं। जिसमें 2 आरोपी आईएएस अधिकारी डॉ. आलोक शुक्ला एवं अनिल टूटेजा गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपीली न्यायालय के शरण में थे।
प्रकरण में सुनवाई आगे बढ़ने, लगातार न्यायालयीन प्रक्रिया का दबाव बढ़ने और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के निर्देश बाद आखिरकार दोनों आरोपी आईएएस अधिकारी ने स्थानीय न्यायालय में उपस्थिति देकर जमानत ली। दोनों की उपस्थिति के बाद उनके अधिवक्ताओं ने गवाही पूरी कर चुके गवाहों की का दोबारा प्रति परीक्षण शुरू किए हैं। अन्य आरोपियों के अधिवक्ताओं के द्वारा उन गवाहों का प्रतिपरीक्षण किया जा चुका है, लेकिन न्यायालयीन प्रक्रिया के चलते पूर्व के गवाहों का दोबारा प्रतिपरीक्षण किया जा रहा है।
ये हैं आरोपी
- शिवशंकर भट्ट
- टीकम हरचंदानी
- क्षीरसागर पटेल
- सतीश कुमार कैवर्त
- कौशल किशोर यदु
- संदीप अग्रवाल
- दिलीप शर्मा
- रविंद्रनाथ सिंह
- देवेंद्र सिंह कुशवाहा
- रामकुल पाठक
- अशोक सोनी
- सुधीर भोले
- मोतीलाल साहू
- जेपी द्विवेदी
- धनेश्वर राम
- मनीष शाह
- डॉ. आलोक शुक्ला
- अनिल टूटेजा
आरोप की धारा
धारा 11, 13(1)(डी) व 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम तथा धारा 120 बी, 409 व 420 भारतीय दंड विधान।
रोजाना हो रही पांच लोगों की गवाही
सितंबर महीने में न्यायालय ने गवाही के लिए कुल 4 दिन निर्धारित किया गया है। जिसमें रोजाना पांच गवाहों को बुलाया जा रहा है। इस महीना 27 से 30 सितंबर तक गवाही होगी। पहले दिन सोमवार को अमित वर्मा, सरजू राम पीपला, सुनीता चौधरी, एम.एन. प्रसाद राव की गवाही हुई। समन मिलने केे बावजूद गवाह प्रकाश चंद्र द्विवेदी आज न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए।
प्रकरण में 213 गवाह
इस पूरे प्रकरण में 213 गवाह हैं। इसमें पहले 156 लोगों की गवाही पूरी हो चुकी थी, लेकिन आरोपी 2 आईएएस अधिकारी की उपस्थिति के बाद 156 गवाहों का दोबारा प्रति परीक्षण किया जा रहा है। जिसमें से अब तक 43 गवाहों का दोबारा प्रतिपरीक्षण पूरा हो चुका है।
एक आरोपी अभी भी फरार
इस प्रकरण में नमक व्यवसायी मनीष शाह अभी भी फरार हैं जबकि प्रकरण की सुनवाई के दौरान टीकम हरचंदानी की मौत हो चुकी है। उसकी मौत दिल के दौरा पड़ने से हुई है।
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