नई दिल्ली/जालंधर। पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात से कांग्रेस में हड़कंप मच गया है। कैप्टन को किसी भी तरह से BJP में जाने से रोकने की कोशिश शुरू हो गई है। इसके लिए अंबिका सोनी और कमलनाथ की ड्यूटी लगाई गई है। यह दोनों नेता कैप्टन के करीबी माने जाते हैं।

दूसरी ओर कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले कपिल सिब्बल के बचाव के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता आंनद शर्मा खुलकर सामने आ गए हैं, आंनद शर्मा ने ट्वीट कर कहा है कि- सोनिया जी, ‘गुंडागर्दी’ करने वालों पर लीजिए एक्शन।
कैप्टन की दो टूक: फौजी हूं, हार कर मैदान नहीं छोड़ूंगा
बता दें कि कांग्रेस ने कैप्टन को कुर्सी से उतारा तो वो भड़क उठे। कैप्टन ने कहा कि वह फौजी हैं। कभी हार कर मैदान छोड़ना नहीं सीखा। मैं सोच रहा था, 2022 में चुनाव में जीत के बाद राजनीति छोड़ दूंगा, लेकिन अब नहीं। साफ है कि कैप्टन BJP में गए या नया संगठन बनाया, पंजाब में मुश्किलें कांग्रेस की ही बढ़ेंगी। कलह से जूझती कांग्रेस कैप्टन को समर्थन नहीं तो विरोधी भी नहीं बनने देना चाहती। माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले में गांधी परिवार के सदस्य भी सक्रिय हो सकते हैं।
कांग्रेस में अभिव्यक्ति की आजादी का इतिहास
दूसरी ओर आनंद शर्मा ने गुरुवार को कपिल सिब्बल के घर के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध पर नाराजगी जताई और सोनिया गांधी से इसमें शामिल लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस में अभिव्यक्ति की आजादी को बरकरार रखने का इतिहास रहा है।
कांग्रेस नेता कपिल सिबल के घर के बाहर हुए प्रदर्शन के मद्देनजर गुरुवार को कई ट्वीट कर आनंद शर्मा ने कहा कि कपिल सिब्बल के घर पर हमले और गुंडागर्दी की खबर सुनकर स्तब्ध और निराश हूं। यह निंदनीय कार्रवाई पार्टी को बदनाम करती है और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जिम्मेदार लोगों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें अनुशासित किया जाना चाहिए।
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