आर्टिफिशियल हार्ट लगने के 2 साल बाद धड़कने लगा बीमार दिल, डॉक्टरों ने दुर्लभ सर्जरी को दिया अंजाम

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के एक निजी अस्पताल में डॉक्टरों ने एक दुर्लभ सर्जरी करते हुए 56 साल के इराकी नागरिक के शरीर से कृत्रिम हृदय (लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस) को निकाल दिया है। अस्पताल के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि व्यक्ति का हृदय पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद यह सर्जरी की गई।

हाल में नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में सर्जरी की गई और डॉक्टरों ने दावा किया कि अब तक दुनिया में ऐसे बेहद कम मामले सामने आए हैं। लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस एक मैकेनिकल पंप होता है जिसे व्यक्ति के सीने के भीतर लगा दिया जाता है जो एक कमजोर हृदय को रक्त पम्प करने में सहायता करता है। इस मरीज में एलवीएडी 2018 में लगाया गया था।

अस्पताल ने एक बयान में कहा कि मरीज के हृदय में गंभीर समस्या हो गई थी। नोएडा स्थित फोर्टिस हार्ट एंड वस्कुलर इंस्टिट्यूट के अध्यक्ष डॉ अजय कॉल और उनके दल ने सितंबर में मरीज की सर्जरी की थी। उन्होंने मरीज के साथ मंगलवार को मीडिया से बातचीत की। बयान में कहा गया कि मरीज जब पहली बार अस्पताल आया था तो उसकी सांस उखड़ रही थी और उसे काम करने में दिक्कत आ रही थी।

उस पर सर्जरी की कोई प्रक्रिया संभव नहीं होने के कारण उसे हृदय प्रतिरोपण की सूची में रखा गया था। बयान के अनुसार, उसकी हालत बिगड़ने लगी और एलवीएडी लगाने की नौबत आ गई। बाद में मरीज की हालत में सुधार हुआ और मरीज अपने देश चला गया और उसे हर छह महीने पर जांच के लिए आने को कहा गया।

बयान में कहा गया कि एलवीएडी लगाने के डेढ़ साल बाद उसे संक्रमण हो गया। अस्पताल ने कहा कि जांच में पता चला कि मरीज का हृदय पूरी तरह ठीक हो चुका है। कॉल ने नेतृत्व में दल ने बेहद जटिल और दुर्लभ सर्जरी कर एलवीएडी को निकाल दिया।

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