नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की महंगाई से आम आदमी में हाहाकार मचा हुआ है। पेट्रोल अब हर जगह 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक दामों में बिक रहा है तो डीजल भी कई राज्यों में सैकड़ा तक पहुँच गया है। दूसरी ओर अब तक मात्र 1 रुपये में गरीब की कुटिया रोशन करने वाली माचिस की डिबिया के भी दाम बढ़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि 14 साल बाद माचिस की तिल्ली के दाम बढे हैं. अब माचिस की तीली एक रुपये में नहीं मिलेगी।


अब इतने में मिलेगी माचिस
देश में माचिस बनाने का मुख्य उद्योग शिवकाशी में चलता है। माचिस उद्योग में लगी 5 बड़ी कंपनियों ने महंगाई की मार से जूझते हुए अब इसके दाम बढ़ाने पर सहमति बना ली है। यहां मिली खबर के मुताबिक देशभर में मात्र 1 रुपये में मिलने वाली माचिस की डिबिया अब 1 दिसंबर से 2 रुपये की हो जाएगी।
14 साल बाद बढ़ेंगे दाम
माचिस के दाम इससे पहले वर्ष 2007 में बढ़े थे। तब 50 पैसे की माचिस 1 रुपये की हो गई थी। शिवकाशी में ऑल इंडिया चैंबर ऑफ मैचेस ने करीब 14 साल बाद माचिस के दाम बढ़ाने का फैसला किया है।
बढ़ गई है माचिस बनाने की लागत
माचिस उद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों का कहना है कि इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल से जुड़ी 14 वस्तुओं के दाम बढ़ गए हैं। माचिस में रोगन का काम करने वाला लाल फास्फोरस ही 425 रुपये की जगह 810 रुपये किलोग्राम हो गया है। वहीं मोम की लागत 58 रुपये से बढ़कर 80 रुपये, माचिस की डिबिया की लागत 36 रुपये से बढ़कर 55 रुपये हो गई है। इसके अलावा कागज, पोटेशियम क्लोरेट और सल्फेट के दाम भी 10 अक्टूबर से लगातार बढ़ रहे हैं।
कीमत में 12% जीएसटी अलग से
नेशनल स्मॉल मैचबॉक्स मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के वी. एस. सेतुरतिनम ने कहा कि अभी 50 तीली वाली 600 माचिस की डिबिया 270 से 300 रुपये की बेची जाती है। अब माचिस उद्योग ने इसका दाम 60% बढ़ाने यानी 430 से 480 रुपये करने का निर्णय किया है. ये दाम 12% के जीएसटी को छोड़कर होंगे।