कांकेर मेडिकल कॉलेज को ही मिली मान्यता, कोरबा और महासमुंद को MCI की न... कॉलेज में प्रोफेसर नहीं, एनाटॉमी डिसेक्शन हॉल में शव लेपन की सुविधा नदारद

रायपुर। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ( MCI ) ने कोरबा और महासमुंद में मेडिकल कॉलेज ( Medical Colloege ) खोलने की इजाजत देने से दो टूक इनकार कर दिया है। कौंसिल ने कोरबा और महासमुंद मेडिकल कॉलेज के डीन को भेजे लेटर में कहा है कि आपका कॉलेज 2021-2022 शैक्षणिक सत्र शुरू करने का मापदंड पूरा नहीं करता। लिहाजा, वहां अब इस साल एडमिशन नहीं हो पायेगा।

बता दें कि कांकेर के मेडिकल कॉलेज को ही परमिशन मिली है। महासमुंद के मेडिकल कॉलेज की 18 अक्टूबर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का हवाला देते हुए मेडिकल एसेसमेंट रेटिंग बोर्ड और स्नातक एक्सपर्ट ग्रुप की संयुक्त मीटिंग कमेटी ने यह बताया कि एनाटॉमी के प्रोफेसर की नियुक्ति नहीं हो सकी है। कुछ अन्य विषयों में एसोसिएट प्रोफेसर जैसे फॉरेंसिक मेडिसिन रेस्पिरेट्री मेडिसिन इमरजेंसी मेडिसिन फिजियोलॉजी में एसोसिएट प्रोफेसर के पद रिक्त पाए गए। एनाटॉमी डिसेक्शन हॉल में शव लेपन की सुविधाएं नहीं हैं।

23 और 24 अगस्त को मेडिकल एसेसमेंट रेटिंग बोर्ड और अंडर ग्रेजुएट एक्सपर्ट ग्रुप में प्रथम निरीक्षण के बाद महासमुंद मेडिकल कॉलेज को वर्ष 2021-22 को एमबीबीएस कोर्स शुरू करने के लायक पाया नहीं गया था। लेकिन महासमुंद मेडिकल कॉलेज प्रशासन के अनुरोध पर 18 अक्टूबर को लाइव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की गई थी।

एमसीआई ने कांकेर मेडिकल कॉलेज को जरूर अनुमति दे दी है। वो भी सशर्त। कांकेर के डीन को शपथ पत्र देना होगा कि कॉलेज का उन्होंने ऑनलाइन इंस्पेक्शन कराया, वो सही है। इसके लिए एमसीआई ने एक हफ्ते का टाइम दिया है। हालांकि, इससे डीन की वैधानिक मुसीबत बढ़ गई है। क्योंकि, अगर कोई कमी होगी तो उसके जिम्मेदार वे होंगे। कोरबा और महासमुंद मेडिकल कॉलेज में इंफ्रास्ट्रक्चर और फैकल्टी की कमी का हवाला देते हुए मान्यता देने से मना कर दिया है।

इन तीनों कॉलेजो में 100-100 सीटें प्रस्तावित थी। याने इस साल एक साथ MBBS की 300 सीटें बढ़ जाती। एमसीआई की अनुमति न मिलने से 200 सीटो का नुकसान होगा। तीनों कॉलेज को देखते नीट एग्जाम में बैठे छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों को बड़ी उम्मीदें थी कि सीटें बढ़ने से उनका नंबर लग जायेगा। मगर अब 100 सीट से ही संतोष करना होगा। उसमे भी सेंट्रल कोटे की सीटें भी होती हैं।

जानकारों का मानना है, चिकित्सा शिक्षा विभाग अगर ठीक से पहल किया होता तो पिछले वर्ष ही एमसीआई से अनुमति मिल गई होती। क्योंकि, सरकार ने 2019 में तीनों जगह मेडिकल कॉलेज खोलने का ऐलान किया था।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू और वॉट्सएप, पर