जेपी नड्डा

नई दिल्ली। बीजेपी अघ्यक्ष जेपी नड्डा के गृहराज हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने तगड़ी वापसी करते हुए क्लीन स्वीप किया है। यहां बीजेपी को जोर का झटका लगा है। तीन विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार विजयी हुए हैं। जुब्बल-कोटखाई विधानसभा सीट पर तो भाजपा प्रत्याशी की जमानत तक जब्त हो गई है।

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने बीजेपी को चौंकाते हुए सभी दावों की हवाईयां निकाल दी है। मंडी लोकसभा सीट पर कांग्रेस की प्रत्याशी और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने बीजेपी उम्मीदवार कुशाल सिंह ठाकुर को हराकर सीट पर कब्जा किया। प्रतिभा सिंह ने ये सीट 8766 वोटों के अंतर से जीती। प्रतिभा सिंह को 365650 वोट मिले। जबकि कुशाल सिंह को 356884 वोट मिले।

फतेहपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस उमीदवार भवानी सिंह पठानिया 5789 वोटों से चुनाव जीत गए हैं। इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी बलदेव ठाकुर को 18660 वोट मिले। जबकि कांग्रेस उम्मीदवार भवानी सिंह पठानिया ने 24449 वोट हासिल किए। उधर, अर्की विधानसभा सीट से भी कांग्रेस ने जीत का स्वाद चखा। यहां कांग्रेस प्रत्याशी संजय अवस्थी ने जीत हासिल की।

जुब्बल-कोटखाई विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी नीलम सरैइक को महज 2584 वोट मिले

जुब्बल-कोटखाई विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने बाजी मारी। इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रोहित ठाकुर को जीत मिली। रोहित ठाकुर को 29447 वोट मिले। यहां निर्दलीय प्रत्याशी चेतन बरागटा 23344 वोट के साथ दूसरे नंबर पर रहे। जबकि भाजपा प्रत्याशी नीलम सरैइक को महज 2584 वोट मिले। भाजपा प्रत्याशी की इस सीट पर जमानत जब्त हो गई है। इस सीट पर कुल 56607 वोट पड़े।

कैसे होती है जमानत जब्त

भारतीय निर्वाचन आयोग का नियम है कि चुनाव में जमानत जब्त उस स्थिति में होती हैं जब कोई उम्मीदवार कुल वैध मतों का 1/6 हिस्सा प्राप्त करने में नाकाम रहता है। ऐसी स्थिति में उम्मीदवार के द्वारा चुनाव आयोग के पास जमा की गई जमानत राशि जब्त कर ली जाती है। ‘संसदीय निर्वाचन क्षेत्र’के लिए चुनाव लड़ने के लिए 25 हजार रुपए की सिक्योरिटी राशि और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव लड़ने के लिए 10 हजार रुपए की राशि जमा करनी होती है।