बिजली बिल घोटाला : 24 लाख की हेराफेरी मामले में पति सहित JE पर दर्ज कराई गई थी FIR, अब फिर से वहीं हुई बहाली

बिलासपुर। जिले के मस्तूरी बिजली वितरण केंद्र में करीब 24 लाख रुपए के बिल में हेराफेरी मामले में सस्पेंड चल रहे जूनियर इंजीनियर प्रिया आमल और उनके पति टिकेश यादव को फिर बहाल कर दिया गया है। वहीं इस मामले की जांच अभी जारी है।

दरअसल, मस्तूरी के विद्युत वितरण केंद्र में करीब दो साल पहले बिजली बिल में गड़बड़ी कर विभाग को लाखों रुपए का चूना लगाने का मामला उजागर हुआ था। उपभोक्ताओं के बिल को कम्प्यूटर में दर्ज कर विभागीय कोष में जमा करने के बजाए JE सहित अन्य कर्मचारियों ने हड़प लिया। मामला सामने आने के बाद डिवीजन के अफसरों ने गड़बड़ी की जांच की, तब पता चला कि यहां पदस्थ जूनियर इंजीनियर प्रिया आमले ने सकरी में पदस्थ अपने हेल्पर पति टीकेश यादव से मिलीभगत कर सारी गड़बड़ियां की थी।

प्रारंभिक जांच में अनियमितता सामने आने पर साल 2020 में विभागीय अफसरों ने JE प्रिया आमल और उसके पति टिकेश यादव को निलंबित कर दिया। साथ ही जांच में 24 लाख रुपए का घोटाला करने का आरोप लगाते हुए मस्तूरी थाने में FIR भी दर्ज कराई। फिर भी अनियमितता बरतने के मुख्य आरोपी JE प्रिया आमले को अधीक्षण अभियंता ने बहाल कर दिया है। खास बात यह है कि उन्हें फिर से मस्तूरी स्थित वितरण केंद्र में पदस्थापना दी गई है।

दोषी अफसर पर नहीं हुई कार्रवाई

बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले में अनियमितता बरतने और गबन करने के लिए तत्कालीन सहायक अभियंता (AE) प्रदीप पैकरा को भी दोषी पाया गया था। गबन के आरोप में उन्हें चार्जशीट देकर औपचारिकता निभाई गई। ऐसी जानकारी है कि गबन की राशि 24 लाख रुपए से बढ़कर दो से ढाई करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।

JE सहित 13 के खिलाफ दर्ज है FIR

बिजली बिल घोटाले में शामिल जूनियर इंजीनिसर प्रिया आमले, मीटर रीडर हेमंत पटेल, अनिल सिंह चंदेल , ओमप्रकाश राठौर पर केस दर्ज किया गया था। इसके साथ व्यास राठौर , धर्मेन्द्र पांडू , चंद्रमणी राठौर , पुरुषोत्तम यादव , राजकुमार राठौर , पालेश्वर साहू , लाइन सहायक मनोज साहू और कम्प्यूटर आपरेटर किशन यादव के खिलाफ मस्तूरी थाने में FIR दर्ज कराई गई है, जिसकी जांच अभी लंबित है।

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