रायपुर। गोवर्धन पूजा पर परंपरा के मुताबिक सीएम भूपेश बघेल हर साल प्रदेश की मंगल कामना, शुभ के लिए और विघ्नों के नाश के लिए कुश से बने सोटे का प्रहार सहते हैं। सीएम ने शुक्रवार की सुबह भी ग्राम जंजगिरी में यह परंपरा निभाई। यहां के ग्रामीण बीरेंद्र ठाकुर ने उन पर सोटे से प्रहार किया है।

ग्रामीणों ने बताया कि यह प्राचीन परंपरा है। इस तरह सोटे का प्रहार विघ्नों का नाश करने वाला है, साथ ही सुख और समृद्धि लेकर आता है।मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ग्रामीणों से कहा कि हर साल भरोसा ठाकुर प्रहार करते थे।

अब यह परंपरा उनके पुत्र बीरेंद्र ठाकुर निभा रहे हैं। ग्रामीणों से चर्चा में उन्होंने कहा कि गोवर्धन पूजा गोवंश की समृद्धि की परंपरा की पूजा है, जितना समृद्ध गोवंश होगा, उतनी ही हमारी तरक्की होगी। इसी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में गोवर्धन पूजा इतनी लोकप्रिय होती है। लोग साल भर इसका इंतजार करते हैं, एक तरह से यह पूजा गोवंश के प्रति हमारी कृतज्ञता का प्रतीक भी है।

मिट्टी के प्रति गहरे अनुराग का उत्सव

हर साल आप लोगों के बीच मैं सुबह-सुबह पहुंचता हूं और मुझे बहुत खुशी होती है। गोवर्धन पूजा लोक के उत्सव की परंपरा है। हमारे पूर्वजों ने बहुत सुंदर छोटी-छोटी परंपराओं का सृजन किया और इन परंपराओं के माध्यम से हमारे जीवन में उल्लास भरता है। आज आप सबके बीच पहुंचकर और इस हर्षित जनसमूह को देखकर मेरा मन भी हर्ष से भर गया है। गोवर्धन पूजा और गौरा गौरी पूजा मिट्टी के प्रति गहरे अनुराग का उत्सव है।

संवर्धन करना हम सब का कर्तव्य- सीएम

सीएम ने कहा कि उल्लास से भरे आप लोगों के चेहरे देखकर अनुभव होता है कि हमारा प्रदेश सांस्कृतिक रूप से कितना समृद्ध है और हम इस सांस्कृतिक समृद्धि को किस तरह धरोहर के रूप में सहेजे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि अपनी माटी की अस्मिता को सहेजना उसका संवर्धन करना हम सब का कर्तव्य है। कितनी सुंदर परंपराएं हमारे छत्तीसगढ़ की है।

सांस्कृतिक परंपराओं को अपनी व्यवस्था में शीर्षस्थ स्थान

उन्होंने कहा कि इस बात की आशंका थी कि धीरे-धीरे यह परम्पराएं कहीं विस्मृत न हो जाएं। ग्रामीणों से चर्चा में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने यह संकल्प लिया कि अपनी सांस्कृतिक परंपराओं को अपनी व्यवस्था में शीर्षस्थ स्थान देंगे क्योंकि परंपरा से हमारा अस्तित्व भी है। परंपरा से हमारे मूल्य भी हैं। बघेल ने कहा कि हमारी ग्रामीण संस्कृति के पर्व कृषि को बढ़ावा देने वाले पर्व हैं। पर्व के माध्यम से हम जमीन से जुड़ते हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गौरा गौरी पूजा में भी भाग लिया और आए हुए लोगों को संबोधित किया।