टीआरपी डेस्क। भारतीय क्रिकेट टीम को एक से बढ़कर एक बड़े स्टार खिलाड़ी देने वाले कोच तारक सिन्हा का शनिवार सुबह निधन हो गया। भारतीय क्रिकेट टीम ने शुक्रवार को स्काटलैंड के खिलाफ धमाकेदार जीत हासिल की और रात को ही टीम ने कप्तान विराट कोहली के जन्मदिन का जश्न मनाया।

इसी बीच रिषभ पंत के करियर को संवारकर उनको स्टार बनाने वाले तारक के निधन की खबर शनिवार सुबह आई। अपने गुरू के चले जाने की खबर मिलने के बाद से रिषभ पंत समेत तमाम पूर्व क्रिकेट और मौजूदा सक्रिय खिलाड़ी शोक में हैं।
मिली जानकारी के अनुसार 71 साल के इस दिग्गज को ने सुबह 3 बजे आखिरी सांस ली। लंबे समय से वह बीमार थी और उनका इलाज चल रहा था। तारक सिन्हा दिल्ली में सोनेट क्रिकेट क्लब नाम से एकेडमी चलाते थे तारक से क्रिकेट के गुण सीखने वाले 12 खिलाड़ियों ने इंटरनेशनल क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व किया। जबकि 100 से ज्यादा ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अपनी पहचान बनाई।
द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित देश के 5वें कोच
ताकत सिन्हा के निधन की जानकारी वरिष्ठ खेल पत्रकार विजय लोकपल्ली ने ट्वीट कर दी। तारक सिन्हा द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित होने वाले देश के 5वें कोच थे। उनसे पहले ये अवार्ड देश प्रेम आजाद, गुरचरण सिंह, रामाकांत आचरेकर और सुनीता शर्मा को ये अवार्ड मिल चुका था।
खिलाड़ियों की लंबी लिस्ट
तारक सिन्हा से क्रिकेट का ककहरा सीखने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट लंबी है, लेकिन उनके 12 शिष्य ऐसे रहे जो उनसे क्रिकेट सीखने के बाद देश के लिए खेले। भारत के लिए मेंस क्रिकेट में नाम दर्ज कराने वाले इन 12 खिलाड़ियों के अलावा वो महिला क्रिकेटरों में अंजुम चोपड़ा के भी कोच रहे। इसमें यह सभी खिलाड़ी शामिल है।
- सुरिंदर खन्ना
- रंधीर सिंह
- रमन लांबा
- मनोज प्रभाकर
- अजय शर्मा
- केपी भास्कर
- अतुल वासन
- आशीष नेहरा
- संजीव शर्मा
- आकाश चोपड़ा
- शिखर धवन
- ऋषभ पंत
तारक सिन्हा का कोचिंग करियर
तारक सिन्हा दिल्ली की टीम के कोच भी रहे. उनकी कोचिंग में दिल्ली ने 1985-86 में रणजी ट्रॉफी का टाइटल जीता। साल 2001-02 में वो भारत की महिला क्रिकेट टीम के हेड कोच बनाए गए। उनकी कोचिंग में ही मिताली राज और झूलन गोस्वामी जैसे खिलाड़ियों ने इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था। उनकी ही कोचिंग में टीम ने विदेश में अपना पहला टेस्ट साउथ अफ्रीका की धरती पर जीता था।
टीमों को खिताबी जीत दिलाने में रहे कामयाब
इसके बाद इंग्लैंड को घरेलू जमीन पर 4-0 से हराया था। 2002 में जब वो दिल्ली की जूनियर टीम के कोच बने तो उसने स्टेट टूर्नामेंट में अंडर-15, अंडर-19 और अंडर -22 का खिताब जीता। साफ है बतौर कोच तारक सिन्हा ना सिर्फ देश को इंटरनेशनल खिलाड़ी देने में ही सफल रहे बल्कि टीमों को खिताबी जीत का दीदार कराने में भी कामयाब रहे। भारतीय महिला क्रिकेट टीम के प्रदर्शन को संवारने में तारक सिन्हा का योगदान बड़ा है।
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