राज्य में पेट्रोल पर 10 व डीजल 5 रुपए हुआ सस्ता, नई कीमतें आज रात से होंगी लागू
आम आदमी की कमर तोड़ रही पेट्रोल-डीजल के दामों में फिर हुई बढ़ोत्तरी, नई कीमतें हुई जारी, यहां चेक करें ताजा रेट

नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल पर पहले केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क और फिर 22 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा वैट दरों में कटौती की गई थी। वहीं करों में कटौती के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बड़ी कमी आई है जिससे उपभोक्ताओं को और राहत मिली है। रायपुर के पेट्रोल पंप में गुरुवार को कीमत काम होकर 101. 86 रुपये प्रति लीटर हो गई, जो पिछले दिनों 107. 56 रुपये प्रति लीटर थी।

इसी तरह डीजल की कीमत भी काम किया गया जिसके बाद ये 93. 77 रुपये प्रति लीटर हो गई थी। इसके साथ ही देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की पंप कीमत गुरुवार को सुबह 6 बजे कम होकर 103.97 रुपये प्रति लीटर हो गई, जो पिछले दिनों 110.04 रुपये प्रति लीटर थी। वहीं डीजल की कीमतें भी 86.67 रुपये प्रति लीटर पर अपरिवर्तित रहीं।

इकोनामी की रफ्तार बनी रही

केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क और फिर 22 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा वैट दरों में की गई कटौती का इनके खजानों पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ने वाला है। इसकी वजह यह है कि कोरोना महामारी के बाद इकोनामी की रफ्तार जिस तरह से बनी है, उससे राजस्व संग्रह की वास्तविक स्थिति बेहतर रहने की उम्मीद है। इस कटौती के बावजूद पूरे साल के लिए पेट्रोलियम उत्पादों से होने वाले कुल राजस्व का अनुमान भी केंद्र की उम्मीदों के आसपास रहने वाला है।

जानें अपने शहर में पेट्रोल डीजल के रेट

  • रायपुर में 101. 86 रुपये प्रति लीटर हो गई, जो पिछले दिनों 107. 56 रुपये प्रति लीटर थी। इसी तरह डीजल की कीमत काम किया गया जिसके बाद 93. 77 रुपये प्रति लीटर हो गई थी।
  • मुंबई में पेट्रोल की कीमत 109.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल 94.14 रुपये प्रति लीटर है।
  • कोलकाता में रविवार को भी कीमतें स्थिर रहीं, जहां पेट्रोल की कीमत 5.82 रुपये घटकर 104.67 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 11.77 रुपये घटकर 89.79 रुपये प्रति लीटर हो गई।
  • चेन्नई में पेट्रोल की कीमत भी 101.40 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91.43 रुपये प्रति लीटर पर बनी हुई है।
  • दिल्ली में पेट्रोल 103.97 रुपये प्रति लीटर हो गया है, जो पिछले दिनों 110.04 रुपये प्रति लीटर थी। वहीं डीजल की कीमतें भी 86.67 रुपये प्रति लीटर पर अपरिवर्तित रहीं।

इन टैक्‍स में भी हुई बढ़ोतरी

सीमा शुल्क संग्रह में 129.64 प्रतिशत और कारपोरेट टैक्स संग्रह में 105.14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। अगर सिर्फ पेट्रोलियम उत्पादों से होने वाले राजस्व संग्रह की बात करें तो चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में यह 1.71 लाख करोड़ रुपये रहा है। यह रकम पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 1.28 लाख करोड़ रुपये से 33 प्रतिशत ज्यादा है। वित्त वर्ष 2020-21 में केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क के रूप में 3.89 लाख करोड़ रुपये वसूले थे।

ईंधन की कीमतों में आ सकती है और कमी

रविवार को कुछ राज्यों को छोड़कर देशभर में पेट्रोल, डीजल की कीमत में बड़े पैमाने पर अपरिवर्तित रही, जहां वैट में कमी आज से कम कीमतों में तब्दील हो जाएगी। ईंधन की कीमतों पर अच्छी खबर यह है कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें कुछ दिन पहले के तीन साल के उच्च स्तर 85 डॉलर प्रति बैरल से अब घटकर लगभग 82 डॉलर प्रति बैरल हो गई हैं। अगर मूल्य रेखा बनी रहती है, तो भारत में ईंधन की कीमतों में और कमी आ सकती है और वृद्धि को रोका जा सकता है।

पिछले वित्त वर्ष 3.89 लाख करोड़ था संग्रह

पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में पेट्रोलियम उत्पादों से सरकार का उत्पाद शुल्क संग्रह 3.89 लाख करोड़ रुपये रहा था। 2019-20 में यह 2.39 लाख करोड़ रुपये था। माल एवं सेवा कर (GST) प्रणाली लागू होने के बाद सिर्फ पेट्रोल, डीजल, विमान ईंधन और प्राकृतिक गैस पर ही उत्पाद शुल्क लगता है।

अन्य उत्पादों और सेवाओं पर जीएसटी लगता है। सीजीए के अनुसार, 2018-19 में कुल उत्पाद शुल्क संग्रह 2.3 लाख करोड़ रुपये रहा था। इसमें से 35,874 करोड़ रुपये राज्यों को वितरित किए गए थे। इससे पिछले 2017-18 के वित्त वर्ष में 2.58 लाख करोड़ रुपये में से 71,759 करोड़ रुपये राज्यों को दिए गए थे। अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट https://cga.nic.in/MonthlyReport/Published/11/2020-2021.aspx

33 फीसदी बढ़ा सरकार का उत्पाद शुल्क संग्रह

वित्त मंत्रालय में लेखा महानियंत्रक (CGA) के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले छह माह में पेट्रोलियम उत्पादों पर सरकार का उत्पाद शुल्क संग्रह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 33 फीसदी बढ़कर 1.71 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। पिछले साल की समान अवधि में यह 1.28 लाख करोड़ रुपये रहा था। यह अप्रैल-सितंबर, 2019 के 95,930 करोड़ रुपये के आंकड़े से 79 फीसदी अधिक है।

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