क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर पैदा हुई चनौतियों से लड़ने भारत के नेतृत्व में बैठक जारी,चीन और पाकिस्तान ने ठुकराया न्योता
क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर पैदा हुई चनौतियों से लड़ने भारत के नेतृत्व में बैठक जारी,चीन और पाकिस्तान ने ठुकराया न्योता

नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर पैदा हुई चनौतियों से लड़ने और अफगानिस्तान को मानवीय सहायता पहुंचाने के उपायों पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल की अध्यक्षता में अफगानिस्तान पर दिल्ली में बैठक शुरू हो गई है।

इस बैठक के लिए भारत ने अन्य सभी देशों को आमंत्रण भेजा था, जिसके बाद इस बैठक में रूस, अमेरिका, उजबेकिस्तान और ताजिकिस्तान के सुरक्षा सलाहकार क्षेत्रीय सुरक्षा डायलाग में हिस्सा ले रहे हैं। अफगानिस्तान पर दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा संवाद नामक इस बैठक की मेजबानी भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल कर रहे हैं।

बैठक के दौरान डोभाल कहा कि मुझे विश्वास है कि हमारे विचार-विमर्श प्रोडक्टिव व उपयोगी होंगे और अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने और हमारी सामूहिक सुरक्षा बढ़ाने में योगदान देंगे। हम सब अफगानिस्तान में हो रही घटनाओं को गौर से देख रहे हैं। इसके लोगों के लिए ही नहीं बल्कि उसके पड़ोसी देशों और क्षेत्र के लिए भी इसके महत्वपूर्ण निहितार्थ हैं।

बता दें कि इस बैठक के लिए चीन और पाकिस्तान को भी न्योता दिया गया था, लेकिन इन दोनों देशों ने बैठक में शामिल होने से इन्कार कर दिया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल बैठक में आए विभिन्न देशों के सुरक्षा सलाहकारों के साथ अलग से द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे।

हवाला देते हुए चीन ने भेजा यह संदेश

वहीं, चीन ने अन्य कार्यक्रमों में व्यस्तता का हवाला देते हुए एनएसए स्तरीय बैठक में भाग लेने से मना कर दिया है। हालांकि, उसने संदेश दिया है कि वह किसी अन्य मौके पर अफगानिस्तान को लेकर भारत के साथ द्विपक्षीय या बहुपक्षीय वार्ता के लिए तैयार है। चीन का पिछलग्गू पाकिस्तान पहले ही इस बैठक में शामिल होने से इन्कार कर चुका है। ईरान, रूस, उज्बेकिस्तान, कजाखस्तान, तुर्कमेनिस्तान, ताजिकिस्तान व किर्गिस्तान बैठक के आमंत्रण को स्वीकार कर चुके हैं।

पाकिस्तान ने किसी में नहीं लिया हिस्सा

अफगानिस्तान को इस बैठक में शामिल नहीं किए जाने के मुद्दे पर सूत्रों का कहना है कि इनमें से किसी देश ने तालिबान सरकार को अभी तक मान्यता नहीं दी है। इससे पहले ईरान वर्ष 2018 व वर्ष 2019 में अफगानिस्तान पर बैठक का आयोजन कर चुका है, लेकिन पाकिस्तान ने किसी में हिस्सा नहीं लिया था। हालांकि, चीन इन बैठकों में शामिल रहा था।

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