आखिरकार जेल भेजे गए मुंगेली नगरपालिका अध्यक्ष सोनकर, बिना निर्माण कराये 13 लाख रूपये गबन करने का मामला
आखिरकार जेल भेजे गए मुंगेली नगरपालिका अध्यक्ष सोनकर, बिना निर्माण कराये 13 लाख रूपये गबन करने का मामला

मुंगेली। स्थानीय अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट से भी अग्रिम जमानत नहीं मिलने के बाद मुंगेली नगर पालिका के अध्यक्ष संतूलाल सोनकर ने मुंगेली कोर्ट में आत्म समर्पण कर दिया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। इस मामले में 5 अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं।

खोजने के बाद भी नहीं मिली नाली तो…

मुंगेली नगर पालिका के परमहंस नगर वार्ड में 13 लाख रुपए नाली निर्माण के लिए स्वीकृति मिली थी। वार्ड के लोगों को जब पता चला कि नाली का निर्माण किये बिना ही रूपये निकल लिए गए हैं, तब लोगों ने विपक्ष के नेताओं के साथ इस नाली की खोजबीन की मगर जब नाली नहीं मिली तब नागरिकों ने कलेक्टर से जुलाई महीने में शिकायत करते हुए कहा कि नाली का निर्माण ही नहीं हुआ है और पूरी राशि फर्जी बिल बनाकर निकाल ली गईहै।

जांच में हुई गड़बड़ी की पुष्टि

कलेक्टर अजीत वसंत ने इस मामले की जांच मुंगेली एसडीएम से कराई, तब पाया गया कि नगर पालिका अध्यक्ष संतू लाल सोनकर, तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी विकास पाटले, सब इंजीनियर जीएस तिग्गा, राजस्व निरीक्षक सियाराम साहू, लेखापाल आनंद निषाद और सोफिया कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार वसीम खान ने मिलकर नाली निर्माण के काम में भ्रष्टाचार किया है। जांच रिपोर्ट नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव को भेजी गई थी। इसके बाद मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया के निर्देश पर इन सभी के विरुद्ध सिटी कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई।

13 लाख रूपये जमा कराये, फिर भी नहीं मिली राहत

मामले में FIR के बाद अध्यक्ष सहित सारे आरोपी फरार हो गए, इस बीच पता चला कि सोफिया कंस्ट्रक्शन की ओर से कथित गबन की पूरी राशि 13 लाख रुपए नगर पालिका के खाते में जमा भी करा दी गई। बावजूद इसके आरोपियों को कोई राहत नहीं मिली।
इधर इस मामले में फरार चल रहे मुंगेली नगर पालिका के अध्यक्ष सोनकर ने अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में भी प्रयास किया। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें नगरीय प्रशासन विभाग से मिली नोटिस का जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया और उसके बाद निचली अदालत में उपस्थित होकर जमानत की अर्जी लगाने के लिए कहा था। इसी कड़ी में सोनकर ने मुंगेली अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया, मगर यहां उन्हें जमानत नहीं मिली और उन्हें जेल भेज दिया गया।

बताया जाता है कि कांग्रेस समर्थित होने के चलते मुंगेली नगर पालिका के अध्यक्ष संतूलाल सोनकर को बचाने के तमाम प्रयास किये, मगर शिकायत पुख्ता थी इसलिए सोनकर को कहीं से भी राहत नहीं मिली और अंततः उन्हें जेल जाना ही पड़ा।