उड़ीसा का धान छत्तीसगढ़ में खपाने का दौर हुआ शुरू, सीमांत इलाकों में बड़ी संख्या में पकड़े जा रहे हैं वाहन
उड़ीसा का धान छत्तीसगढ़ में खपाने का दौर हुआ शुरू, सीमांत इलाकों में बड़ी संख्या में पकड़े जा रहे हैं वाहन

रायपुर। छत्तीसगढ़ की सरकार जिस दर पर किसानों से धान की खरीदी कर रही है, वह पूरे देश में सर्वाधिक है। यही वजह है कि बिचौलिए दूसरे राज्यों से धान लाकर उसे स्थानीय किसानों का धान बताकर सरकारी खरीदी केंद्रों में बिकवा देते हैं। राज्य के सीमांत इलाकों में बीते एक पखवाड़े से यह काम धड़ल्ले से चल रहा था, मगर जब यह बात खबरों के माध्यम से मुख्यमंत्री के संज्ञान में आयी है तब से धान की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए सरकारी अमले की सक्रियता बढ़ा दी गई है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश कई राज्यों से घिरा हुआ है। इनमे सबसे नजदीक है उड़ीसा, जहां से राज्य में प्रवेश करने के अनेक रास्ते हैं। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक धान की तस्करी उड़ीसा से होती है। कांग्रेस की सरकार द्वारा धान की खरीदी 2500 रूपये प्रति क्विंटल कर दिए जाने से हर वर्ष बिचौलिए सक्रिय हो जाते हैं। बीते कुछ दिनों से प्रदेश के गरियाबंद जिले के रास्ते अवैध तरीके से धान परिवहन कर छत्तीसगढ़ में लाये जाने की सूचनाएं मिल रही थीं।

उड़ीसा के 3 जिलों से घिरा देवभोग तहसील

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के देवभोग तहसील की सीमाओं से उड़ीसा के 3 जिले कालाहांडी, नुआपाड़ा और नवरंगपुर सटे हुए हैं। बताया जा रहा है कि हर वर्ष इसी इलाके से उड़ीसा के सर्वाधिक धान का परिवहन किया जाता है। इस बार भी छोटे बड़े वाहनों में धान देवभोग लाये जाने की जानकारी मिडिया के माध्यम से मिलने पर कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर ने सरकारी अमले को फटकार लगाई और बिचौलियों की धरपकड़ करने का आदेश दिया।

एक ही जिले में बनाये गए 15 चेकपोस्ट

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के सीमांत में होने के चलते यहां से उड़ीसा को जोड़ने वाली सड़को में 15 स्थानों पर धान की तस्करी को रोकने के लिए चेक पोस्ट बनाये गए हैं। कलेक्टर के निर्देश पर इन मार्गों पर की गई सघन चेकिंग के दौरान 4 वाहन पकड़ में आये, जिनमे लगभग 500 बोरी धान लदा हुआ था। इन मामलो में विधिवत कार्रवाई की गई।

चेकपोस्ट पर इनकी लगाई गई है ड्यूटी

कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर के निर्देश पर देवभोग तहसील के उड़ीसा सीमा में 13 धान चेकपोस्ट और छुरा तहसील बार्डर में 2 धान चेकपोस्ट बनाये गये हैं। इन चेकपोस्ट में राजस्व, पुलिस, खाद्य, सहकारिता तथा मार्कफेड विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। तैनात अमला द्वारा ओडिसा प्रांत से धान के अवैध परिवहन पर कड़ी नजर रखेगा।

धान खपाया तो किसान का पंजीयन होगा निरस्त

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धान की तस्करी की खबरों को संज्ञान में लेते हुए कलेक्टरो को निर्देश दिया है कि वे दूसरे राज्यों से अवैध तरीके से होने वाले धान के परिवहन पर अंकुश लगाएं। इसी के मद्देनजर गरियाबंद कलेक्टर ने कहा है कि अगर बोगस रकबे पर धान खपाने की कोशिश हुई तो संबंधित किसान का पंजीयन रद्द कर दिया जायेगा।

ऐसे कमाई करते हैं बिचौलिए

पूरे प्रदेश में धान की सरकारी खरीदी के दौरान बिचौलियों द्वारा अवैध तरीके से दूसरे राज्यों से लाया गया धान खपाने का प्रयास शुरू कर दिया जाता है। हर वर्ष यह देखने में आता है कि प्रदेश के जिन इलाको में धान की पैदावार कम होती है वहां भी धान की बम्पर सरकारी खरीदी की जाती है। दरअसल ऐसे ही इलाकों में बिचौलियों द्वारा बाहर से लाया गया धान खपाया जाता है। इस धान को वे स्थानीय किसान द्वारा पैदा किया हुआ बताकर सोसाइटी में बिकवा देते हैं। ऐसा करके वे प्रति क्विंटल धान के एवज में लगभग 800 रूपये कमा लेते हैं।

छत्तीसगढ़ की सरकार ने इस वर्ष 1 करोड़ 5 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है। तय है कि बिचौलिए बाहर का धान खपाने के लिए और भी जोर मारेंगे। इन्हें रोकना सरकार के लिए चुनौती होगी, अगर इस काम में सफलता मिली तो तय है कि इसका फायदा बिचौलियों की बजाय किसानों को होगा।

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