कंगना रनोट से पद्म पुरस्कार वापस लेने और गिरफ्तारी की उठ रही मांग, वरुण गांधी ने कहा- इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह ?
कंगना रनोट से पद्म पुरस्कार वापस लेने और गिरफ्तारी की उठ रही मांग, वरुण गांधी ने कहा- इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह ?

नई दिल्ली। देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्मश्री से सम्मानित हुईं, कंगना आजादी की लड़ाई को लेकर दिये गये अपने एक विवादित बयान के चलते सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गयी हैं। एक्ट्रेस कंगना रनोट के भीख वाले बयान पर राजनीति गर्माती जा रही है। कंगना के बयान पर उनके खिलाफ लगातार विरोध के स्वर फूट रहे हैं। जहां एनसीपी नेता नवाब मलिक ने तो उन्हें गिरफ्तार करने की भी मांग की है। वहीं लोग राष्ट्रपति से पद्म पुरस्कार वापस लेने की गुहार लगा रहे हैं।

सोशल मीडिया किया जा रहा ट्रोल

कंगना ने एक कार्यक्रम में कहा था कि 1947 में जो आजादी मिली वो भीख थी, असली आजादी 2014 में मिली। गौरतलब है कि 2014 में ही नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आयी थी। इसको लेकर कंगना को सोशल मीडिया में बुरी तरह ट्रोल किया जा रहा है। कंगना ट्विटर पर नहीं हैं, मगर इंस्टाग्राम के जरिए जवाब दे रही हैं। कंगना ने हाल ही में एक टीवी कार्यक्रम में बयान दिया था कि भारत को असली आजादी 2014 में मिली जब पीएम नरेंद्र मोदी सत्ता में आए, 1947 में मिली आजादी तो भीख थी।

आप’ ने की FIR दर्ज करने की मांग

बता दें कि आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य प्रीति शर्मा मेनन ने अभिनेत्री कंगना रनोट के खिलाफ मुंबई पुलिस से शिकायत कर मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। मेनन ने कहा, ‘कार्रवाई की उम्मीद है। कंगना पर भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए, 504, और 505 के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।

मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?

कंगना के बयान पर बीजेपी नेता वरुण गांधी ने ट्वीट किया था- कभी महात्मा गांधी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पांडेय लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार। इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?

अत्याचार और क्रूरता गई बढ़

वरुण के इस ट्वीट को इंस्टाग्राम स्टोरी में शामिल करके कंगना ने जवाब लिखा- हालांकि, मैंने साफ-साफ यह बताया था कि 1857 में आजादी की पहली लड़ाई हुई, जिसे दबा दिया गया। इसके बाद ब्रिटिश हुकूमत का अत्याचार और क्रूरता बढ़ गई। लगभग एक सदी बाद गांधी के भीख के कटोरे में हमें आजादी दे दी गयी… जा और रो अब।

पद्म पुरस्कार वापस लेने की मांग

आनंद शर्मा ने तीन ट्वीट कर लिखा, ‘निंदनीय और पूरे देश को चौंकाने वाला। सुश्री कंगना रनोट का बयान महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और सरदार पटेल जैसे साहसी स्वतंत्रता सेनानियों और सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद और कई अन्य क्रांतिकारियों के बलिदान का अपमान करता है। उनसे पद्म सम्मान तुरंत वापस ले लेना चाहिए।

स्वतंत्रता सेनानियों का हुआ अपमान

कंगना की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा, ‘मैं मांग करता हूं कि कंगना रनोट को अपने बयान के लिए सभी देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि इससे हमारे स्वतंत्रता आंदोलन और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान हुआ है। भारत सरकार को ऐसी महिला से पद्मश्री सम्मान वापस लेना चाहिए जिसने महात्मा गांधी, सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस, पंडित नेहरू, सरदार भगत सिंह का अपमान किया है।

नवाब मलिक ने की गिरफ्तारी की मांग

एनसीपी नेता और महाराष्ट्र कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने अभिनेत्री कंगना रनोट के आजादी वाले बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि हम कंगना रनोट के बयान की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है। केंद्र को उनसे पद्मश्री वापस लेना चाहिए और उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्राम और वॉट्सएप पर.