नई दिल्ली। संविधान सभा के मौके पर आज संसद सेंट्रल हॉल में विशेष कार्यक्रम ओयाजित किया गया। पीएम मोदी ने कार्यक्रम में सभी सांसदों को संबोधित किया। इसके साथ ही कांग्रेस, आरजेडी, लेफ्ट, टीएमसी, आरजेडी, शिव सेना, एनसीपी, सपा, आईयूएमएल, और डीएमके सेमत करीब 14 राजनीतिक र्टियों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने की घोषणा की है। इसमें राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, लोकसभा स्पीकर समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिवस बाबासाहेब अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद जैसे दुरंदेशी महानुभावों का नमन करने का है।

26/11 हमारे लिए दुखद दिवस
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने संविधान सभा की चर्चाओं का डिजिटल संस्करण जारी किया और संवैधानिक लोकतंत्र पर आधारित ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी का शुभारंभ किया। साथ ही उन्होंने संविधान की प्रस्तावना को पढ़ने में देश का नेतृत्व किया।
पीएम मोदी ने कहा आज 26/11 हमारे लिए एक ऐसा दुखद दिवस है, जब देश के दुश्मनों ने देश के भीतर आकर मुंबई में आतंकवादी घटना को अंजाम दिया भारत के अनेक वीर जवानों ने आतंकवादियों से लोहा लेते-लेते अपने आप को समर्पित कर दिया। मैं आज 26/11 को उन सभी बलिदानियों को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।
सहस्त्रों वर्ष की महान परंपरा की अभिव्यक्ति
पीएम मोदी बोले हमारा संविधान ये सिर्फ अनेक धाराओं का संग्रह नहीं है, हमारा संविधान सहस्त्रों वर्ष की महान परंपरा, अखंड धारा उस धारा की आधुनिक अभिव्यक्ति है. इस संविधान दिवस को इसलिए भी मनाना चाहिए, क्योंकि हमारा जो रास्ता है, वह सही है या नहीं है, इसका मूल्यांकन करने के लिए मनाना चाहिए।
हमारे विविध देश को बांधता है संविधान
पीएम मोदी ने ये भी कहा कि अच्छा होता कि आजादी के बाद ही 26 नवंबर को हर बार संविधान दिवस मनाना चाहिए था, जिससे ये पता चल सकता कि संविधान कैसे बनाया गया. हमारा संविधान हमारे विविध देश को बांधता है. कई बाधाओं के बाद इसका मसौदा तैयार किया गया और देश की रियासतों को एकजुट किया।
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