रायपुर। छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों से आये सहायक आरक्षकों के परिजनों के साथ पुलिस वालों ने ही दुर्व्यवहार कर दिया। बड़ी महिलाएं अपने बच्चों के साथ सहायक आरक्षकों की पदोन्नति और वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर सभी नवा रायपुर पहुंची थी। वो मंत्रालय और PHQ का घेराव करने जा रही थीं, तभी कुछ ही दूरी पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया और उनके साथ झूमाझटकी करते हुए गिरफ्तार कर लिया।

मारपीट का लगाया आरोप
बीजापुर से आई महिलाओं का दावा है कि पुरुष पुलिसकर्मियों ने उनके साथ मारपीट की है। महिलाओं का यह भी दावा है की कुछ महिलाओं की झूमाझटकी के दौरान साड़ी फटी और चूड़ियां टूट गई हैं, जिसकी वजह से वो घायल भी हो गईं। महिलाओं का आरोप है कि उनके साथ आए ड्राइवरों के साथ भी मारपीट की गई है।
देर तक होता रह बवाल
नवा रायपुर में करीब 2 से ढाई घंटे तक ये बवाल चला। इसके बाद पुलिस वालों ने महिलाओं को अलग-अलग गाड़ियों में लादकर रायपुर के सप्रे शाला में बनी अस्थाई जेल में पहुंचाया। पुलिस परिवार आंदोलन का नेतृत्व कर रहे उज्जवल दीवान नाम के युवक को नजर बंद कर दिया गया। बाकी लोग मांग करने लगे कि उज्जवल दीवान की रिहाई की जाए।
यहां महिलाओं ने कुछ भी खाने पीने से इनकार कर दिया, इनके साथ कई छोटे बच्चे भी मौजूद थे। स्कूल कैंपस में बंद की गई महिलाओं ने नारेबाजी कर दी। एक महिला ने तो 10 फीट ऊंचे गेट पर चढ़कर हंगामा घर दिया। वह गेट की दूसरी तरफ कूद गई। पुलिसकर्मियों ने धक्का मुक्की करते हुए फिर से एक बार सभी महिलाओं को कैंपस के अंदर बंद कर दिया। मौके पर मौजूद अफसर लगातार महिलाओं को समझाने की कोशिश करते रहे।
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