काम 70 करोड़ का भुगतान हुआ 94 करोड़... सड़क घोटाला मामले में एमडी अनिल राय, ठेकेदार समेत एक दर्जन से ज्यादा लोगों के खिलाफ कोर्ट ने दिए FIR के आदेश

अंबिकापुर। शहर में बने रिंग रोड में 94 करोड़ के घोटाला में एमडी अनिल राय एवं ठेकेदार समेत अन्य अधिकारियों के विरुद्ध प्रथम सूचना ( FIR ) दर्ज करने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अंबिकापुर ने आदेश जारी किया है।

5000 पेजो के दस्तावेज के साथ न्यायालय में परिवाद किया था प्रस्तुत

डी.के. सोनी अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज तिवारी ने अंबिकापुर में बने रिंग रोड में घोटाला, गड़बड़ी के दस्तावेज, घटिया एवं गुणवत्ता विहीन निर्माण एवं ड्राइंग डिजाइन के विपरीत तथा वर्क आर्डर आदेश से ज्यादा राशि का भुगतान करने तथा शासकीय राशि का गबन करने के दस्तावेज कोर्ट में जमा किए।

अंबिकापुर के न्यायालय में 5000 पेजों के दस्तावेज के साथ परिवाद प्रस्तुत किया गया था। जिसमें सुनवाई करते हुए दिनांक 1/12/21 को रिंग रोड में संलग्न अधिकारियों और ठेकेदार जिसमे अनिल राय, एमडी सीजीआरडीए, रायपुर जी एस सोलंकी, महाप्रबंधक, मानसिंह ध्रुव, परियोजना प्रबंधक, सचिन शर्मा,प्रबंधक वित्त, निशेस भट्ट, आहरण इव सवितरण अधिकारी, रश्मि वैश्य, उप परियोजना प्रबंधक, अभिषेक विश्वकर्मा, सहायक परियोजना प्रबंधक, सुनील कुमार पांडेय, टीम लीडर, सुशील अग्रवाल, ठेकेदार, राहुल सोनी, प्रबंधक ए आरसी टेस्टिंग दिल्ली, शंकर अग्रवाल के विरुद्ध प्रथम सूचना पत्र दर्ज कर अंतिम प्रतिवेदन दिनाक 7/1/21 तक प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।

क्या है मामला ???

लोक निर्माण विभाग द्वारा 27/4/2017 अंबिकापुर रिंग रोड के सुदृढ़ीकरण एवं उन्नयन कार्य के लिए 9757.49 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। छत्तीसगढ़ रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड रायपुर द्वारा आदेश क्रमांक 1864/सीजीआरडीसी/2017, रायपुर दिनांक 21/7/2017 के माध्यम से श्री किशन एवं कंपनी 4/12 श्री टावर, फर्स्ट फ्लोर शांति नगर रायपुर को अंबिकापुर रिंग रोड के निर्माण हेतु वर्क आर्डर जारी किया।

इस रिंग रोड को 10.808 किलोमीटर तक की सड़क का निर्माण 1 वर्ष की अवधी में करना था। वर्क आर्डर 70,60,06,250/-रुपए स्वीकृत की गई थी। आरटीआई से प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार सभी कार्यों का उल्लेख तथा उक्त कार्य के लिए कितनी राशि लगाना है का भी उल्लेख किया गया। अंबिकापुर के रिंग रोड में आज दिनांक तक विभाग द्वारा ठेकेदारों को दिनांक 4/10/2019 तक कुल 94,08,56,752/- करोड रुपए का भुगतान किया जा चुका है। जबकि वर्क आर्डर 70,60,06,250/-रुपए स्वीकृत किया गया था और भुगतान 94,08,56,752/- करोड़ रुपए का कर दिया गया जोकि 23,48,50,502/-रुपए का अधिक भुगतान अधिकारियों से मिलीभगत कर किया गया है।

1 साल का काम 3 साल में नहीं हुआ पूरा उसमे भी कई अनियमितता

अंबिकापुर के रिंग रोड निर्माण प्रारंभ हुए लगभग 3 वर्ष से काफी समय हो गया। ठेकेदार की समयावधि भी समाप्त हो गई है। लेकिन आज दिनांक तक रिंग रोड कम्पलीट नहीं हो पाया है। रिंग रोड को पूरा नहीं करने के कारण ठेकेदार द्वारा गारंटी अवधि का बहाना बनाया जा रहा है।

पेटी कांट्रैक्टर को काम देने से हो रहा घटिया निर्माण

उक्त कार्य श्री किशन एंड कंपनी को दिया गया है लेकिन श्री किशन एंड कंपनी के द्वारा स्वयं कार्य न करके उक्त रिंग रोड को पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर सूरजपुर के ठेकेदार शंकर अग्रवाल प्रो० जगदंबा कंस्ट्रक्शन को दे दिया गया। जिसके कारण भी उक्त कार्य काफी घटिया स्तर का कराया गया है। जो डिजाइन स्वीकृत हुई थी उसके अनुसार कार्य नहीं किया गया है।

बिना कार्य किये ही हो गया भुगतान

ठेकेदार द्वारा रिंग रोड में जो कार्य नहीं कराया गया है और उसकी राशि निकाल ली गई है। जैसे रिंग रोड के दोनों तरफ 3.5-3.5 फीट का फुटपाथ बनाना था मौके पर नहीं बनाया गया है उसके लिए 5 करोड़ 27 लाख का प्रावधान था उसे भी ठेकेदार निकाल लिया है। नाली के ऊपर फुटपाथ दिखाया गया है जबकि ड्राइंग डिजाइन में नाली अलग है, फुटपाथ अलग है उसकी राशि निकाल ली गई है।

जितनी मोटाई की ढलाई सड़क की करनी थी वह नहीं किया गया है स्टीमेट के अनुसार जितनी ढलाई करनी थी वह नहीं किया गया है। स्टीमेट के अनुसार 8 कलवर्ट बॉक्स का निर्माण होना था, 9 बड़े जंक्शन का प्रावधान था, 20 छोटे जंक्शन भी बनने का प्रावधान था जो कि मौके पर नहीं बनाया गया है उसकी राशि भी निकाल ली गई है।

फर्जी तरीके से मेजरमेंट बुक भरा गया है साथ ही उसमें अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं है। ड्राइंग डिजाइन के अनुसार पाइप लाइन बिछाया जाना था जिससे कई तरह के वायर का विस्तार होता है। मगर रिंग रोड के बीच में जो डिवाइडर बना है उसमें कहीं भी पाइप लाइन नहीं है बिजली के खंभे के तार भी मिट्टी में दबाकर लगाया गया है। उसकी भी राशि ठेकेदार अधिकारियों से मिलीभगत कर निकाल लिया है।

प्रोटेबल बेरीकेट लगाना था जिसे नहीं लगाया है। उसकी राशि भी प्राप्त कर लिया है। रिंग रोड के दोनों तरफ कर्फ विथ चैनल बनाने का प्रावधान था जो कि मौके पर नहीं बनाया गया है उसकी भी राशि 76,79,150/- रुपए भी निकाल लिया गया है। रोड में 6 बार पेंट करना है तथा एरो का निशान बनाना है जिसकी राशि 5,53,380/- रुपए भी निकाल लिया गया है मौके पर कोई कार्य नहीं कराया गया है। स्टीमेंट की कंडिका 16, 17 एवं 18 के अनुसार 10 बड़े बोर्ड साइन तथा 455 छोटे साइन बोर्ड लगा था जिसकी राशि 703410/- रुपए का प्रावधान था उक्त राशि निकाल ली गई है और मौके पर नहीं लगाया गया है।

पाइप डक्ट रोड के एक छोर से दूसरे छोर तक बनाना था रिंग रोड में 109 जगह बनाने का प्रावधान था तथा नालियों में यूटिलिटी डालनी थी जिससे वायर डालने में काम आ सके। तथा डिवाइडर के बीचो-बीच पाइप लाइन डालना था। जिससे वायर डालने, पानी पाइप लाइन डालने का काम आता। लेकिन उपरोक्त कार भी ठेकेदार द्वारा नहीं किया गया है उसकी भी राशि निकाल ली गई।

रिंग रोड में स्टील रेलिंग बनाने का प्रावधान किया गया है। जिसके लिए 52,36,000 की राशि आवंटित थी।रिंग रोड के साइड के दीवारों में पेंटिंग करने का भी प्रावधान था जो नहीं कराया गया है। रिंग रोड के डिवाइडर को 80280 रनिंग मीटर बनाना था हर 25 मीटर पर 366 जगह सपोर्ट बिम डालना था जिसका साइज 70 सें

टीमीटर 20*15 देना था उसके लिए 13980191 का प्रावधान था उक्त राशि भी बिना कार्य कराए निकाल लिया गया है।

रिंग रोड डिवाइडर में 65 लाख का पौधारोपण करना था जो नहीं किया गया है। रिंग रोड के पार्थवे के दोनों साइड फुल,झड़ियां, पौधारोपण करना था इसके अलावा 14624 मीटर हेज लगाना था जिसके लिए 24,56,832/-रुपए का प्रावधान था उक्त कार्य भी नहीं किया गया है। पौधों के लिए लगभग 3-4 करोड रुपए की राशि ठेकेदार द्वारा निकाली गई लेकिन मौके पर पौधारोपण नहीं किया गया। ऐसे कई फर्जी कार्य है जिनके काम नहीं किये गए लेकिन पैसे निकाल लिए गए जो बिना अधिकारियों के संलिप्तता के नहीं हो सकता है।

रिंग रोड की समयावधि 30 वर्ष की है जो की डीपीआर में उल्लेख है लेकिन रिंग रोड अभी पूर्ण हुआ नहीं है और जगह-जगह क्रैक आना चालू हो गया है क्योंकि रिंग रोड में सीवीआर सब ग्रेड घटिया क्वालिटी का डाला गया है उसके लिए 4 करोड़ की राशि अलग से निकाल लिया गया है। रिंग रोड की डीपीआर के अनुसार कार्य नहीं किया गया है।

पुलिस में नहीं हुई सुनवाई तो कोर्ट का खटखटाया दरवाजा


उपरोक्त तथ्यों के अलावा अन्य तथ्यों का उल्लेख शिकायत आवेदन थाना अमिबकापुर में तथा पुलिस अधीक्षक सरगुजा को किया गया था लेकिन थाना अमिबकापुर और पुलिस अधीक्षक द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करने के कारण वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज तिवारी के माध्यम से डी०के० सोनी अधिवक्ता ने ठेकेदार तथा रिंग रोड निर्माण में संलग्न सभी अधिकारियों के विरुद्ध शासकीय राशि का षडयंत्र पूर्वक योजनाबद्ध तरीके से गबन करने के संबंध में न्यायालय में अपराध पंजीबद्ध किए जाने हेतु दिनाक़ 7/10/21को आवेदन प्रस्तुत किया गया था जिसमे दिनाक 1/12/21 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी महोदय अंबिकापुर द्वारा डीके सोनी के आवेदन को स्वीकार कर रिंग रोड में संलग्न अधिकारियों और ठेकेदार के विरुद्ध प्रथम सूचना पत्र दर्ज कर अंतिम प्रतिवेदन दिनाक 7/1/22तक प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

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