नई दिल्ली : भारत के पहले CDS जनरल बिपिन रावत अब हमारे बीच नहीं रहे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुख जताते हुए इस खबर की पुष्टि की है। रक्षा मंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा, तमिलनाडु में आज एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हेलीकॉप्टर दुर्घटना में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका सिंह और 11 अन्य सशस्त्र बलों के जवानों के आकस्मिक निधन से गहरा दुख हुआ। उनका असामयिक निधन हमारे सशस्त्र बलों और देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

बता दें कि जनरल बिपिन रावत भारत के पहले और वर्तमान रक्षा प्रमुख या चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) थे। उन्होंने 1 जनवरी 2020 को रक्षा प्रमुख के पद का भार ग्रहण किया था। जनरल बिपिन रावत इससे पूर्व भारतीय थलसेना के प्रमुख थे। रावत 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक थल सेनाध्यक्ष के पद पर रहे।

प्रारंभिक जीवन

सीडीएस जनरल बिपिन रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में चौहान राजपूत परिवार में हुआ था। ये परसई/परसारा रावत हैं, जो गढ़वाल के उत्तराखंड के चौहान राजपूतों की शाखा है। जनरल रावत की माताजी परमार वंश से हैं। इनके पूर्वज मायापुर/हरिद्वार से आकर गढ़वाल के परसई गांव मे बसने के कारण परसारा रावत कहलाए। रावत एक मिलिट्री टाईटल है जो विभिन्न राजपूतों को गढ़वाल के शासकों द्वारा दिए गए थे। उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत भी सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।

जनरल बिपिन रावत ने 11वीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से 1978 में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने ने देहरादून में कैंबरीन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से शिक्षा ली, जहां उन्हें ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ (Sword of Honour) दिया गया था। वे फोर्ट लीवनवर्थ, यूएसए में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और हायर कमांड कोर्स के स्नातक थे।

उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से डिफेंस स्टडीज में एम.फिल., प्रबंधन में डिप्लोमा और कम्प्यूटर स्टडीज में भी डिप्लोमा किया था। 2011 में उन्हें सैन्य-मीडिया सामरिक अध्ययनों पर अनुसंधान के लिए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा डॉक्टरेट ऑफ़ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया था।

जानें कौन कौन हैं परिवार में

बिपिन रावत की पत्नी का नाम मधूलिका रावत था। मधुलिका सिंह रावत शहडोल के सोहागपुर रियासतदार स्व. कुँअर मृगेंद्र सिंह की बिटिया थीं। मधुलिका सिंह रावत स्व. कुँअर मृगेंद्र सिंह की मँझली बिटिया थीं। मधूलिका रावत आर्मी वेलफेयर से जुड़ी हुईं थीं। वो आर्मी वुमन वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष थीं। बिपिन रावत की दो बेटियां भी हैं, बड़ी बेटी कृतिका रावत की शादी मुंबई में हुई है जबकि छोटी बेटी तारिणी रावत अभी पढ़ रहीं हैं।

सर्जिकल स्ट्राइक से नॉर्थ ईस्ट में ऑपरेशन तक, ये उपलब्धियां हैं CDS रावत के नाम

जनरल बिपिन रावत को उच्च ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्र और आतंकवाद रोधी अभियानों में कमान संभालने का अनुभव था। वे 1986 में चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इंफैंट्री बटालियन के प्रमुख की भूमिका निभा चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय राइफल्स के एक सेक्टर और कश्मीर घाटी में 19 इन्फेन्ट्री डिवीजन की अगुआई भी की है। वे कॉन्गो में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन का नेतृत्व भी कर चुके हैं।

सीडीएस बिपिन रावत की अगुआई में भारतीय सेना ने कई ऑपरेशन्स को भी अंजाम दिया था। उन्होंने पूर्वोत्तर में आतंकवाद को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जून 2015 में मणिपुर में आतंकी हमले में 18 सैनिक शहीद हो गए थे, इसके बाद 21 पैरा कमांडो ने सीमा पार जाकर म्यांमार में आतंकी संगठन एनएससीएन-के कई आतंकियों को ढेर किया था। तब 21 पैरा थर्ड कॉर्प्स के अधीन थी, जिसके कमांडर बिपिन रावत ही थे। इसके अलावा 29 सितंबर 2016 को भारतीय सेना ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक कर कई आतंकी शिविरों और आतंकियों को मार गिराया था। उरी में सेना के कैंप और पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए हमले में कई जवान शहीद हो जाने के बाद भारतीय सेना ने ये एक्शन लिया था।

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