इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राईविंग एण्ड ट्रैफिक रिसर्च छत्तीसगढ़ का हुआ शुभारंभ, दिव्यांग प्रशिक्षणार्थियों निःशुल्क प्रशिक्षण तो महिलाओं को मिलेगी 50 प्रतिशत की छूट


रायपुर। छत्तीसगढ़ विश्व स्तरीय ड्राइविंग प्रशिक्षण का नया केंद्र बनने वाला है। नवा रायपुर में इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एण्ड ट्रैफिक रिसर्च बनकर तैयार है। यहां ट्रक, बस, डंपर जैसे बड़े वाहनों के साथ गैर व्यावसायिक मध्यम और हल्के वाहनों को भी चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 17 करोड़ रुपए की लागत से तैयार इस संस्थान की सौगात दी। मुख्यमंत्री इस दौरान सीएम खुद ही ट्रेनिंग वाहन में बैठे दिखे। बता दें कि संस्थान को नवा रायपुर के तेंदुआ गांव में 20 एकड़ के क्षेत्र में बनाया गया है। संस्थान में मारुति सुजुकी कंपनी के विशेषज्ञ प्रशिक्षक ड्राइविंग का प्रशिक्षण देंगे। यहां ट्रक, बस जैसे बड़े वाहनों को चलाने के लिए 30 दिन की ट्रेनिंग मिलेगी। वहीं नॉन इनर्शियल वाहनों को चलाने के लिए 21 दिन का ट्रेनिंग कोर्स है।

संस्थान में प्रशिक्षण के लिए 5 स्मार्ट क्लास रूम बनाए गए हैं। जहां एक साथ लगभग 250 लोगों को प्रशिक्षण दिया जा सकता है। प्रशिक्षणार्थियों को ट्रैफिक नियमों और अन्य रोड सेफ्टी मैनुअल की जानकारी दी जाएगी। यहा के आवासीय संस्थान में एक साथ 80 प्रशिक्षुओं के ठहरने की व्यवस्था की गई है। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद छात्रों को लाइसेंस तुरंत बनाकर दिया जाएगा। साथ ही हैवी वाहन चलाने वालों को प्रदेश की फैक्ट्रियों में नौकरी दिलाने में सहायता की जाएगी।

संस्थान में वाहन के टेक्निकल आक्सपेक्ट्स को भी समझाया जाएगा। जिसके लिए टेक्निकल लैब भी तैयार है। बना है। यहां इंजन, ब्रेक और अन्य पार्ट्स की वर्किंग को लाइव मॉडल के द्वारा समझाया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए अलग-अलग तरह के ट्रैक बनाए गए हैं। इनकी मदद से प्रशिक्षु अलग-अलग तरह की परिस्थितियों में बेहतर ड्राइविंग सीख सकें। यहां आठ आकृति वाले ट्रैक ग्रेडीयंट, रिवर्स पार्किंग, लेन चेंजिंग्स का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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