नेशनल डेस्क। कोरोना वायरस से बचने के लिए कोवीशील्ड बूस्टर डोज की मंजूरी की मांग कंपनी ने की थी। जिससे सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) के तहत आने वाली सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने कहा कि कोरोना के बूस्टर डोज को बिना क्लीनिकल ट्रायल के अप्रूव नहीं किया जा सकता है।

SEC ने मांगा अतिरिक्त डेटा
बता दें SEC ने शुक्रवार को सीरम इंस्टीट्यूट (SII) की एप्लीकेशन का रिव्यू करते हुए यह बात कही। पैनल ने सीरम इंस्टीट्यूट से अतिरिक्त डेटा मांगा है, जिसके बाद पैनल दूसरी बैठक करेगा।
जानें क्यों जरूरी है बूस्टर डोज
दरअसल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के माइक्रो वायरोलॉजी विभाग के पूर्व HOD प्रोफेसर डॉ. सत्येंद्र सिंह का कहना है ऐसे लोग जिन लोगों को सेकेंड डोज लिए 6 से 9 महीने हो गए हैं उन्हें बूस्टर डोज देना चाहिए। क्योंकि 6 से 9 महीने में एंटीबॉडी फॉल पर होती है। यही कारण है कि इन्फ्लुएंजा वैक्सीन जो हम लोग लेते हैं उसका भी एक साल में डोज दिया जाता है।
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