विधानसभा सत्रः पिछले साल धान का उठाव न होने के कारण 524 करोड़ रु. का हुआ नुकसान

रायपुर। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आज तीसरे दिन सदन में धान के उठाव और परिवहन को लेकर हंगामा हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के सवाल पर खाद्य मंत्री अमरजीत मंत्री के जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ।

पूर्व सीएम रमन सिंह के पूरक सवाल पर मंत्री अमरजीत ने माना कि पिछले साल धान का उठाव न होने के कारण 524 करोड़ का नुकसान हुआ। इस पर रमन सिंह ने कहा कि मंत्री का जवाब गलत है। सही यह है कि धान का उठाव और परिवहन न होने के कारण 900 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।

इस पर अमरजीत ने रमन सिंह पर एक टिप्पणी कर दिया। हालांकि, स्पीकर ने इस टिप्पणी को विलोपित कर दिया मगर विपक्ष माफी मांगने पर अड़ गया। नाराज विपक्षा आज पुनः विरोध करते हुए गर्भगृह पहुंच गया। इससे सभी सभी विधायक एकबार फिर से निलंबित हो गए।

हालांकि, स्पीकर ने इस पर व्यस्था दी कि मंत्री के विवेक पर है, वे चाहे तो खेद व्यक्त कर दें। इसके बाद स्पीकर ने निलंबित विधायकों के नाम पढ़ कर बताया कि सभी विधायक निलंबित हो गए हैं। दो मिनट बाद स्पीकर ने सभी विधायकों का निलंबन समाप्त करने की घोषाणा की। इसके बाद विपक्ष सदन में लौट आया लेकिन अजय चंद्राकर ने ऐलान किया कि इसके बाद अब प्रश्नकाल में अमरजीत भगत से अब कोई सवाल नहीं करेंगे।

वहीं इसके तत्काल बाद ही चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर विधानसभा में आज हंगामा हुआ। रेणु जोगी के प्रश्न पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सहारा इंडिया पर सरकार का कोई वित्तीय नियंत्रण नहीं है। इसके बाद पूरक प्रश्न पर काफी शोर-शराबा हुआ।

अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा और उसके बाद नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार पर आरोप लगाया कि घोषणा पत्र पर अमल नहीं किया जा रहा। जबकि, सरकार ने कहा था कि चिटफंड कंपनियों से पैसा वसूल कर निवेशकों को वापस दिलाया जाएगा। धरमलाल कौशिक ने कहा कि राजनांदगांव में जब जिला प्रशासन कंपनियों की जमीन नीलामी करके निवेशकों का पैसा दिलाया जा सकता है तो बाकी जिलों में ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता। हालांकि गृह मंत्री ने सदन को भरोसा दिया कि जांच के बाद कार्रवाई की जा रही है।

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