रायपुर : महिला अपराधों को रोकने के लिए सरकारों द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जाती हैं। ये योजनाएँ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं। इन योजनाओं को समय समय पर संशोधित किया जाता है या परिवर्तित भी किया जाता है। प्रदेश में चल रही एक ऐसी ही योजना जल्द ही खत्म होने वाली है।

यह है बंद हो रही योजना
प्रदेश में संचालित ‘महिला पुलिस वालंटियर’ योजना पर जल्द ही विराम लगने वाला है। इस योजना के तहत महिला पुलिस वालेंटियर पीड़ित महिला और पुलिस के बीच सेतु का काम करती हैं, जिनकी नियुक्ति हर ग्राम पंचायत में और नगरों के हर वॉर्ड में की जाती है। महिला पुलिस वालेंटियर की जिम्मेदारी बच्चों की गुमशुदगी और बालिका यौन शोषण रोकने का होती है। महिला पुलिस वालेंटियर गांव की महिलाओं के बीच संवाद और संपर्क करके उन्हें महिला अपराधों और उनके अधिकारों के विषय में जागरूक करती हैं। चर्चा के दौरान यदि कोई मामला किसी अपराध का कोई मामला संज्ञान में आता है तो महिला पुलिस वालेंटियर उस मामले को पुलिस तक पहुँचाती है। जो महिलाएं सामाजिक दबाव या अन्य किसी भी कारण से पुलिस तक जाने में संकोच करती है उनके लिए यह योजना वरदान साबित होती है।

निर्भया फंड द्वारा है संचालित
‘महिला पुलिस वालंटियर’ योजना केंद्र सरकार द्वारा निर्भया फंड से संचालित की जाती है। इस योजना में 60% हिस्सा केंद्र सरकार व्यय करती है वहीं योजना में व्यय का 40% हिस्सा राज्यांश होता है।
प्रदेश के दो जिलों में संचालित है यह योजना
वर्तमान में छत्तीसगढ़ के दो जिलों दु्र्ग और कोरिया में ‘महिला पुलिस वालंटियर’ योजना फिलहाल संचालित है और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा इसका विस्तार कर के 17 और जिलों में चालु करने की योजना थी। पर महिला एवं बाल विकास सचिवालय, छत्तीसगढ़ से प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में इस योजना को पूरे देश में समाप्त करने की बात मौखिक रूप से कह दी गई है। जिसके बाद दो जिलों में संचालित यह योजना भी जल्द ही बंद हो जाएगी।
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