दिल्ली किसान आंदोलन की तर्ज पर नया रायपुर पुनर्वास योजना के लिए 3 जनवरी से लामबंद होंगे किसान

रायपुर। नया रायपुर के 41 गांवों के किसान दिल्ली किसान आंदोलन की तर्ज पर नया रायपुर में लामबंद होने वाले हैं। वे नया रायपुर पुनर्वास योजना के तहत किसानों से किए गए वादों को पूरा करने की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में नया रायपुर के गयाबांधा में 28 दिसंबर को महापंचायत भी बुलाई गई है।

इसमें शासन के खिलाफ की जा रही नाइंसाफी के विरोध को लेकर रूपरेखा तैयार की जाएगी। बता दें कि नया रायपुर बसाने के लिए किसानों ने अपनी करोड़ों की जमीनें देने वाले किसान आज अपने ही पुनर्वास को लेकर भटक रहे हैं। बता दें कि साल 2008 से बन रहे इस अत्याधुनिक शहर को बसाने के लिये 41 गांवों की ज़मीन अधिग्रहित की गई।

कुछ किसानों से सरकार ने कौड़ियों के भाव ज़मीनें ख़रीदीं और जिन्होंने ज़मीन देने से मना किया, उनके ख़िलाफ़ आपातकालीन अधिकारों का उपयोग करके ज़मीनों पर कब्ज़ा किया गया। सरकार ने किसानों को आश्वस्त किया था कि शानदार विस्थापन होगा। उनसे वादा किया गया था कि आसपास के गांवों को भी विकसित किया जाएगा। साथ ही गांवों में स्कूल और अस्पताल खुलेंगे। दो लाख से अधिक लोगों को रोज़गार मिलेगा।

उनके संगठनों और उनकी सभाओं-समितियों का कहना है कि राज्य सरकार ने किसानों की जमीन सस्ते में अधिग्रहित कर ली। नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने नई राजधानी के विकास के लिए अपनी खेती योग्य भूमि गंवाने वाले किसानों की आजीविका और उनके आर्थिक-सामाजिक पुनर्वास का राजनीतिक और न्यायिक संघर्ष छेड़ रखा है।

उनका आरोप है कि किसानों से अधिग्रहित भूमि का मुआवजा तक दिलाने में दोहरी नीति अपनाई जा रही है। एक तरफ आधा एकड़ भूखंड वाले किसानों और भूस्वामियों को प्रति वर्ग फीट की दर से मुआवजा बांटा गया तो दूसरी तरफ दो एकड़ भूखंड का मुआवजा प्रति एकड़ की दर से दिया गया। रूपन चंद्राकर का आरोप है कि किसानों के साथ सरकार ने छल किया है।

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के समय में 2002 में बनाई योजना के अनुसार बंजर जमीनें लेकर उनपर शहर बसाना था। जब भाजपा की सरकार आई तो उन्होंने धोके से किसानों की उपजाउ जमीन को कौड़ियो के मोल खरीद लिया। रूपन चंद्राकर का कहना है कि भाजपा के कार्यकाल में कांग्रेस के नेताओं ने किसानों के साथ मिलकर भाजपा सरकार का विरोध किया था। मगर आज कांग्रेस की सरकार सत्ता में हैं मगर किसानों को आज भी न्याय के लिए भटकना पड़ रहा है।

किसानों की मांग

  • नवा रायपुर क्षेत्र में ग्रामीण बसाहट का पट्टा
  • वार्षिकी राशि का पूर्ण रूपेण आबंटन
  • पुनर्वास पैकेज 2013 के तहत सभी वयस्कों को 1200 वर्गफीट की जमीन का वितरण, पात्रता अनुसार जमीन, दुकान, गुमटी का आबंटन
  • प्रभावितों को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार समेत पुनर्वास योजना की सभी शर्तें।

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