फिजिकल रिलेशन के बाद शादी से मना करना चीटिंग नहीं, Bombay High Court ने निचली अदालत के फैसले को पलटा

नई दिल्ली। यदि आप और आपके पार्टनर के बीच लंबे समय से शारीरिक संबंध (Physical Relation)रहे हैं और उसने शादी से मना कर दिया है तो आप इसे धोखा नहीं कह सकते। ये बात बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने अपने के फैसले में कही है।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने निचली अदालत के एक निर्णय को पलटते हुए दोषी ठहराए गए युवक को बरी कर दिया है। मामले की सुनवाई अनुजा प्रभुदेसाई की सिंगल बेंच कर रही थी।

गर्लफ्रेंड ने लगाया था धोखेबाजी का आरोप

पालघर में रहने वाले काशीनाथ घरात नाम के एक युवक पर उसकी गर्लफ्रेंड ने शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने धारा 376 और 417 के तहत बलात्कार और धोखाधड़ी का मामला दर्ज भी कर लिया।

अपनी शिकायत में काशीनाथ घरात की गर्लफ्रेंड ने आरोप लगाया था कि उसने पहले शादी का वादा किया और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए पर बाद में वो अपने वादे से मुकर गया। दोनों के बीच ये संबंध तीन साल तक रहे थे। युवती की शिकायत पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत ने वादा कर संबंध बनाने और फिर वादे से मुकर जाने के आरोप में एक साल की सजा भी सुना दी थी।

इसके बाद आरोप युवक ने हाई कोर्ट (Bombay High Court) का दरवाजा खटखटाया। बॉम्बे हाई कोर्ट ने निचली अदालत के निर्णय को पलटते हुए युवक को बरी कर दिया है।

कोर्ट ने क्या कहा?

हाई कोर्ट जस्टिस प्रभुसेदाई ने कहा कि ‘तथ्यों को देखने पर पता चलता है कि महिला और आरोपी तीन वर्ष तक फिज़िकल रिलेशन में थे। कोर्ट ने आगे कहा कि ‘तथ्यों से ये साबित नहीं होता कि युवक ने उसे धोखे में रखा था।

न ही ये साबित होता है कि महिला को युवक ने गलत जानकारी दी और उससे संबंध बनाए। ऐसे में लंबे समय तक रिलेशनशिप में रहने के बाद शादी से मना करने को धोखा नहीं कहा जा सकता है।’

जस्टिस प्रभुसेदाई ने ये भी कहा कि ‘इस तरह के मामलों में यदि ये साबित होता है कि युवक ने महिला को गलत जानकारी देकर संबंध बनाए तब युवक के खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है।’