अहमदाबाद। समुद्री तूफान बिपरजाय ने आंधी-तूफान के साथ भारी बारिश लेकर आई थी जिसने किसानों की फसलों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। गुजरात सरकार ने कहा कि वह चक्रवात ‘बिपारजॉय’ से किसानों की फसलों, बागवानी की क्षति और मवेशियों की मौत पर मुआवजा देगी। वहीं, शुरुआती सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि राज्य ऊर्जा संरचना को करीब 783 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। चक्रवात ‘बिपारजॉय’ के बाद गुजरात में जीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है।

वहीं, सरकार ने मई 2021 के बाद गत सप्ताह आए दूसरे तूफान से हुए नुकसान का आकलन करने की शुरुआत कर दी है। गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री और सरकार के प्रवक्ता ऋषिकेश पटेल ने मंत्रिमंडल की गांधीनगर में हुई बैठक के बाद कहा कि विभिन्न टीमों को प्रभावित जिलों में नुकसान का आकलन करने के लिए भेजा गया है।  उन्होंने बताया कि रिपोर्ट मिलने के बाद राज्य सरकार किसानों और पशुपालकों को नुकसान की क्षतिपूर्ति करेगी।

पटेल ने बताया कि शुरुआती सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि गुजरात की बिजली अवसंरचना को ‘बिपारजॉय’ तूफान से करीब 783 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है जबकि 15 जून को तूफान के तट से टकराने के बाद से 6,486 गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित होने की सूचना है।  उन्होंने बताया कि 5,753 गांवों में बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी गई है जबकि बाकी गांवों में बिजली बहाल करने के लिए काम जारी है।

पटेल ने बताया कि आकाशीय बिजली और पेड़ गिरने सहित विभिन्न तूफान संबंधी घटनाओं में 1,320 मवेशियों और 1,900 कुक्कुट पक्षियों की मौत हुई है।  उन्होंने बताया कि 1,129 मारे गए मवेशियों के एवज में 1.62 करोड़ रुपये की राशि बतौर क्षतिपूर्ति वितरित की गई है जबकि बाकी पशुपालकों को जल्द मुआवजे की राशि दी जाएगी। पटेल ने बताया कि शुरुआती आकलन के मुताबिक कच्छ, मोरबी, देवभूमि द्वारका, जामनगर और पोरबंदर जिले में तूफान के दौरान चली तेज हवाओं की वजह से करीब 53 हजार हेक्टेयर में लगे 14,800 फलदायी वृक्ष उखड़ गए हैं।