बूस्टर डोज का ट्रायल शुरू, 6 महीने पहले वैक्सीन लेने वाले होंगे शामिल, नतीजों के आधार पर होगा फैसला

टीआरपी डेस्क। लगातार बढ़ रहे ओमिक्रॉन संक्रमण के बीच देश में 3 हजार लोगों पर बूस्टर डोज का ट्रायल किए जाने की खबर आ रही है। इस ट्रायल के नतीजों से ही यह तय किया जाएगा कि सभी लोगों को बूस्टर डोज लगाई जाएगी या नहीं।

केंद्र सरकार ने बूस्टर डोज की जरूरत को जानने के लिए एक स्टडी शुरू की है, जिसमें छह महीने पहले वैक्सीन की दूसरी डोज लेने वाले लोगों को शामिल किया जाएगा। यह स्टडी डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (THSTI) की तरफ से कराई जा रही है।

ब्लड सैंपल लेने का काम शुरू

एक रिपोर्ट के मुताबिक यह एक एकेडमिक स्टडी है, जिसका मकसद यह समझना है कि वैक्सीन से मिली इम्यूनिटी कितने समय तक रहती है। इस स्टडी के लिए लोगों की चार कैटेगरी तैयार की गई हैं- 40 साल से ज्यादा उम्र के लोग, 40 साल से कम उम्र के लोग, वे लोग जिन्हें वैक्सीन लगाने से पहले कोरोना इन्फेक्शन हुआ है और वे लोग जो पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे हैं। इन सभी लोगों की मेडिकल हिस्ट्री, वैक्सीनेशन स्टेटस और अन्य क्लिनिकल जानकारियां जुटाने के लिए आसान सवाल-जवाब तैयार किए गए हैं।

ICMR और DBT साथ मिलकर वायरस को कल्चर करने का काम कर रहे हैं। हम ओमिक्रॉन के खिलाफ वैक्सीन के प्रभाव को टेस्ट कर रहे हैं।

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