सूरजपुर। हसदेव अरण्य क्षेत्र में संचालित परसा ईस्ट केंते-बासेन कोयला खदान में हैवी ब्लास्टिंग से ग्रामीण परेशान हैं। इससे गांव के मकानों में दरारे आने लगी हैं। इस मुद्दे को लेकर ग्राम हरिहरपुर फतेहपुर की महिलाओं ने खदान क्षेत्र में जाकर विरोध दर्ज कराया।

राजस्थान सरकार की है खदान, अडानी करवा रहा है खुदाई
बता दें कि हसदेव अरण्य क्षेत्र में सरगुजा और सूरजपुर के सीमांत इलाके में परसा ईस्ट केंते-बासेन कोयला खदान का संचालन राजस्थान सरकार द्वारा किया जा रहा है,और यहां से कोल माइनिंग का ठेका अडानी को दिया गया है। हर वर्ष 15 मिलियन टन कोयला उत्पादन की वार्षिक क्षमता वाले इस खदान में ज्यादा से ज्यादा उत्पादन के फेर में बेतहाशा विस्फोट किया जा रहा है।
दायरे में रहकर ब्लास्टिंग की चेतावनी
हैवी ब्लास्टिंग के चलते आसपास के गांवों में मकानों में दरारें पड़ने की शिकायतें आने लगी हैं। इसी मुद्दे को लेकर बड़ी संख्या में ग्राम हरिहरपुर फतेहपुर की महिलाएं कोयला खदान के मुहाने पर पहुँच गईं और नियम के मुताबिक दायरे में रहकर ही खदान में ब्लास्टिंग करने के लिए चेताया। यहां मौजूद खदान से जुड़े कर्मियों और सुरक्षा गार्डों से महिलाओं ने गांव में ब्लास्टिंग से हो रही समस्या बताईं और यह भी कहा कि अगर दायरे में रहकर विस्फोट नहीं किया गया तो ग्रामीण उग्र विरोध करेंगे।

हसदेव अरण्य क्षेत्र को बचाने के लिए मुहिम चला रहे एक्टिविस्ट आलोक शुक्ला ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इलाके में पेड़ों की कटाई के साथ ही हैवी ब्लास्टिंग का सर्वाधिक असर पड़ रहा है। खुदाई से लगे प्रबंधन को यहां के आम लोगों से कोई सरोकार ही नहीं है, यही वजह है कि प्रबंधन द्वारा नियम-कायदों को ताक पर रखकर खुदाई कराइ जा रही है। फ़िलहाल ग्रामीणों ने चेतावनी दी है, अगर प्रबंधन अपनी हरकत से बाज नहीं आया तो ग्रामीण उसे सबक सिखाने ने नहीं चूकेंगे।
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