टीआरपी डेस्क। चुनाव आयोग ओमिक्रॉन के डर के चलते अगले साल होने वाले 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव टालने के मूड में नहीं है। इस संबंध में आयोग ने सोमवार को दिल्ली में चुनावी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ बैठक की।

ऐसी जानकारी आ रही है कि उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव तय समय पर ही कराए जाने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, इस पर आखिरी फैसला जनवरी के पहले हफ्ते में होने वाली बैठक में लिया जा सकता है।

चुनावी राज्यों से ओमिक्रॉन और वैक्सीनेशन का डेटा मांगा

आयोग ने चुनावी राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर के स्वास्थ्य सचिवों के साथ ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों पर चर्चा की है। इन राज्यों में वैक्सीन कवरेज और ओमिक्रॉन केसेज का आंकड़ा भी मांगा है।

बड़ी रैलियों और जनसभाओं पर लग सकती है रोक: सूत्र

विशेषज्ञों का दावा है कि कुछ ही दिनों में ओमिक्रॉन के रूप में कोरोना की तीसरी लहर भी आ सकती है। लिहाजा चुनाव आयोग कुछ सख्त कदम उठा सकता है। चुनाव के पहले राज्यों के हालात को समझ कर इसका फैसला किया जाएगा। चुनाव को लेकर अधिसूचना जनवरी में जारी हो सकती है।

सूत्रों के मुताबिक ओमिक्रॉन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की रिपोर्ट के बाद संभव है कि चुनाव आयोग बड़ी रैलियों और जनसभाओं पर रोक लगा दे। वर्चुअल और डोर-टु-डोर कैंपेन की इजाजत मिले। चुनाव प्रचार के तरीकों में बदलाव के साथ मास्क और दो गज की दूरी को पूरी तरह से लागू किया जा सकता है।

चुनाव टालना नहीं है आसान

अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक चुनाव टालना आसान नहीं है। चुनाव को टालने के लिए कई तरह के बड़े निर्णय लेने होंगे। जैसे, जिन राज्यों में विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो चुका है वहां राष्ट्रपति शासन लगाना होगा। सारी तैयारियां भी नए सिरे से करनी होंगी। हालांकि चुनाव आयोग इस बार प्रचार और भीड़ प्रबंधन पर कुछ सख्त फैसले ले सकता है।

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