कोवैक्सिन की डोज के बाद पेन किलर्स न दें, इसकी जरूरत नहीं है- भारत बायोटेक

टीआरपी डेस्क। कोवैक्सिन निर्माता भारत बायोटेक ने 15 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीनेशन के बाद पेन किलर्स न देने की सलाह दी है। कंपनी ने कहा कि इसकी आवश्यकता नहीं है। देश में 3 जनवरी से इस आयु वर्ग के वैक्सीनेशन की शुरुआत हो चुकी है।

भारत बायोटेक ने ट्वीट में लिखा कि हमें जानकारी मिली है कि कुछ वैक्सीनेशन सेंटर्स पर कोवैक्सिन का डोज दिए जाने के बाद पैरासिटामॉल की 500mg की 3 टैबलेट्स लिए जाने की सलाह दी जा रही है। ऐसा कोई कदम उठाने की जरूरत नहीं है।

कोवैक्सिन के बाद किसी पेन किलर या पैरासिटामॉल की आवश्यकता नहीं है। पैरासिटामॉल कोविड की कुछ दूसरी वैक्सीन के साथ दिए जाने की सलाह दी जाती है, लेकिन कोवैक्सिन के साथ ऐसा नहीं है।

क्लिनिकल ट्रायल में डॉक्टरी उपचार की जरूरत नहीं पड़ी

कंपनी ने कहा कि 30 हजार लोगों पर किए गए क्लिनिकल ट्रायल के दौरान हमें केवल 10-20% लोगों में साइड इफेक्ट मिले थे। इनमें से ज्यादातर में लक्षण बेहद हल्के थे, जो कि 1-2 दिन के भीतर ही सही हो गए। इनके लिए किसी तरह के डॉक्टरी उपचार की जरूरत नहीं पड़ी। डॉक्टरों की सलाह पर ही दवाएं ली जानी चाहिए।

3 जनवरी से अब तक देश में 1.25 करोड़ बच्चों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है। वहीं 1.40 करोड़ बच्चों ने वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराया हुआ है। केंद्र सरकार के मुताबिक, देशभर में इस ऐज ग्रुप के 7.40 करोड़ बच्चे हैं, जिन्हें वैक्सीनेट किया जाना है।

वहीं 10 जनवरी से हेल्थ केयर, फ्रंट लाइन वर्कर्स और कोर्मोबिडिटीज, यानी गंभीर बीमारी से जूझ रहे 60 से ज्यादा उम्र वालों को प्रिकॉशन डोज दिया जाना है। उन्हें जिस तरह से वैक्सीन का पहला और दूसरा डोज दिया गया, उसी तरह तीसरा डोज भी दिया जाएगा।

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