रायपुर : बीते 1 और 2 जनवरी की दरमियानी रात राजधानी रायपुर के अनुपम गार्डन के पास बनी नेकी की दीवार आग के हवाले हो गई और दीवार सहित वहाँ रखे पूरे कपड़े जल कर खाक़ हो गए। इस घटना को हुए 6 दिन हो गए लेकिन अब तक इस घटना की जाँच की दिशा में कोई कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पाई है। बता दें की नेकी की दीवार में लोग अपने पुराने कपड़े छोड़ जाते थे और जरूरतमंद लोग वहाँ से उसे लेकर जाया करते थे। इस आगजनी की घटना में नेकी की दीवार पर बनाया गया फाइबर का पूरा आर्ट वर्क वहाँ रखे तमाम कपड़ों सहित जलकर खाक़ हो गया। और अब वहाँ केवल लोहे का फ्रेम बचा हुआ है।

TRP ने बनाया दबाव पर निगम खेल गया स्मार्ट गेम

बड़ी बात यह है कि घटना के 6 दिन बीत जाने के बाद भी इस विषय को लेकर कोई FIR निगम के द्वारा दर्ज नहीं की गई थी। TRP के द्वारा जब घटना की वास्तविकता जानने का प्रयास किया गया तो यह बात पता चली कि मामले में अब तक FIR ही दर्ज नहीं कराई गई है। जिसके बाद TRP ने संबंधित अधिकारियों और क्षेत्र के पार्षद से बात चित की तो पता चला कि नगर निगम आयुक्त ने पहले ही FIR दर्ज करने के निर्देश दे दिए थे लेकिन नगर पालिक निगम जोन क्रमांक 5 के कमिश्नर द्वारा इस निर्देश के पालन में देरी हुई।

इन तमाम बात चित और सावाल जवाब का लम्बा दौर चलने के बाद शुक्रवार देर शाम आनन फानन में जोन कमिश्नर द्वारा FIR दर्ज कराया गया। इस FIR में लिखी तिथी और थाने में रिसीविंग की तिथि में 2 दिनों का अंतर है। और इन दो दिनों के अंतर को समझाने वाला कोई तर्क निगम के पास नहीं है। अब इन दो दिनों में किसी कारण से देरी हुई या तारीख ही पुरानी डाली गई ये बात या तो निगम का अमला जानता है या ईश्वर। खैर स्मार्ट गेम खेलने में तो निगम कामयाब हो ही गया।

शरारती तत्वों द्वारा आग लगाए जाने की आशंका

नेकी की दीवार में आग लगने के बाद प्राथमिक रूप से इस घटना के पीछे शरारती तत्वों के हाथ होने की आशंका जताई गई थी। जिसके बाद इस बात की जाँच कर आरोपियों तक पहुँचना बहुत जरूरी हो जाता है पर मामले में नगर निगम की ओर से शिकायत दर्ज करने में बहुत देरी हो गई है जिसके कारण अब तक मामले की जाँच शुरु ही नहीं हो पाई है।

घटना होने के बाद 6वें दिन हुई FIR

समाज के भले की नियत से शुरु की गई नेकी की दीवार के जल कर खाक़ हो जाने के बाद भी शायद नगर निगम को इस बात की आवश्यकता महसूस नहीं हुई कि इस घटना की जाँच जल्द से जल्द की जाए। इस विषय में जाँच तभी होती जब मामले में कोई शिकायत दर्ज हो। अनुपम गार्डन के पास स्थित नेकी की दीवार का क्षेत्र सरस्वती नगर थाने के अंतर्गत आता है और थाने में नगर निगम के द्वारा 7 तारीख की देर शाम लिखित शिकायत की गई है। चूँकि नेकी की दीवार नगर निगम की स्मार्ट सिटी योजना के तहत बनाई गयी थी इस लिए इस तरह की घटना पर जाँच की मांग और शिकायत की पूरी जिम्मेदारी नगर निगम की ही बनती थी लेकिन मामले की शिकायत में इतनी देरी समझ से परे है।

आगजनी के पीछे हो सकता है खास मकसद

नेकी की दीवार में आग लगने की घटना के बाद इसके जलने के पीछे साजिश की आशंका भी जताई जा रही है। आस पास के लोगों से बात करने पर पता चला कि नेकी की दीवार जलने से सबसे अधिक लाभ नेकी की दीवार के ठीक पीछे स्थित दो मल्टीनेशनल रेस्टोरेंट्स के आउटलेट्स को होगा। नेकी की दीवार में फाइबर का बड़ा आर्टवर्क बना हुआ था और दीवार के ठीक पीछे होने के कारण यहाँ स्थित मल्टीनेशनल रेस्टोरेंट्स के आउटलेट्स सड़क से दिखाई नहीं पड़ते थे। इस तरह यह नेकी की दीवार इन रेस्टोरेंट्स की ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने की मार्केटिंग पॉलिसी के लिए एक बड़ा रोड़ा बनी हुई थी। और अब दीवार के खाक़ हो जाने के बाद ये दोनों रेस्टोरेंट्स सड़क से सीधे दिखाई देने लगे हैं।

आगजनी के पहले नेकी की दीवार

इसके बाद आस पास के व्यापारियों और लोगों का कहना है कि पूरी संभावना है कि आगजनी की घटना के पीछे एक साजिश रही हो। पूरी संभावनाएँ हैं कि अब वहाँ से नेकी की दीवार के अवशेष हटा दिए जाएं और बड़ी लागत होने के कारण वहाँ दोबारा कभी नेकी की दीवार न बनाई जाए। और इससे इन रेस्टोरेंट्स के संचालकों को लाभ हो। बता दें कि नेकी की दीवार का निर्माण स्मार्ट सिटी योजना के तहत 28 लाख की लागत से किया गया था।

आगजनी के बाद नेकी की दीवार

पार्षद ने भी जताई इरादतन आगजनी का आशंका

TRP से हुई बात चित में क्षेत्र के पार्षद ज्ञानेश शर्मा ने बताया कि प्रथम दृष्ट्या तो यह घटना सामान्य आगजनी की ही लगती है। लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि इसके पीछे कोई साजिश हो। यह आगजनी इरादतन किसी विषेश उद्देश्य की पूर्ति के लिए किया गया षड्यंत्र भी हो सकता है।

पहले भी हो चुकी है एक नेकी की दीवार आगजनी के बाद गायब

इस मामले में ये बात सामने लाना बहुत आवश्यक है कि इस घटना से पहले भी शहर के गांधी उद्यान में स्थित नेकी की दीवार में आग लग गयी थी। इस घटना में नेकी की दीवार के बर्बाद होने के बाद गांधी उद्यान में नेकी की दीवार फिर से आज तक शुरु नहीं हो पाई है। हालांकि इस घटना के पीछे की वजह बिजली का खंबा गिरने को बताया गया। लेकिन एक दीवार में आग लगने के बाद गायब हो जाना और उसके बाद दूसरी दीवार में आग लगना और इस घटना की जाँच में देरी किसी खास मकसद के तहत आग लगाने की साजिश की आशंका के बल देता नजर आ रहा है।

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आगजनी के बाद गांधी उद्यान के पास की नेकी की दीवार

घटनास्थल के पास हैं CCTV कैमेरे

TRP की जाँच में पाया गया कि इस जहाँ आगजनी की घटना हुई है उसके आस पास ही दो CCTV कैमरे हैं अगर मामले की सहीं जाँच की जाए और सच में यदि इसे किसी ने उद्देश्यपूर्वक आग के हवाले किया था तो उस तक पहुँचा जा सकता है। पर इस जाँच आगे बढ़ाना आवश्यक है। अब देखने वाली बात होगी की यह जाँच कब आगे बढ़ती है और कब सच सबके सामने आ पाता है।

आप स्वयं तय करें दुर्घटना या साजिश

TRP ने आप के सामने नेकी की दीवार में आगजनी की दुर्घटना और साजिश दोनों संभावनाओं को रखा है, और देनों के संदर्भ में आवश्यक चित्र और तथ्य प्रस्तुत किए हैँ। मामले की सच्चाई तो जाँच के बाद सामने आ ही जाएगी। पर अभी हम यह आप पर छोड़ रहे हैं कि आप इसे दुर्घटना के रूप में देखते हैं या साजिश के रूप में।

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