हिंदुओं को भी अल्पसंख्यक का दर्जा दे सकते हैं राज्य : सुप्रीम कोर्ट
हिंदुओं को भी अल्पसंख्यक का दर्जा दे सकते हैं राज्य : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्‍ली। फ्यूचर- अमेजन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के पिछले सभी आदेश रद्द कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने HC को फिर से सभी मुद्दों पर मेरिट के आधार पर फैसला लेने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने रिलायंस-फ्यूचर डील के खिलाफ हाईकोर्ट का आदेश रद्द कर दिया है।

दरअसल, फ्यूचर ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट से रिलायंस के साथ एसेट डील प्रकिया आगे बढ़ाने की इजाजत मांगी थी और 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप की अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा था। SC को यह तय करना था कि क्या फ्यूचर ग्रुप को फ्यूचर रिटेल- रिलायंस एसेट सेल डील के लिए रेगुलेटरी मंजूरी के लिए प्रक्रिया जारी रखने की इजाजत दी जा सकती है ?

फ्यूचर ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है चूं‍कि SC ने पहले ही अंतिम आदेश पारित करने पर रोक लगा दी है। हमें शेयरधारक की मंज़ूरी हासिल करने की अनुमति दी जानी चाहिए। CCI , NCLT से मंजूरी लेने के लिए प्रक्रिया को आगे बढ़ने देना चाहिए। सौदे को अंतिम रूप देने में महीनों तक चलने वाली लंबी प्रक्रियाएं शामिल हैं।

अदालत ने पहले ही अमेजन को यह निर्देश देकर सुरक्षित कर दिया है कि सौदे की अनुमति के लिए कोई अंतिम आदेश पारित नहीं किया जाएगा। यदि अनुमोदन लंबित होने तक अंतिम चरण तक सौदे को आगे बढ़ने की अनुमति दी जाती है तो कोई नुकसान नहीं होगा। फ्यूचर ग्रुप के खिलाफ मध्यस्थता मामले पर रोक के खिलाफ अमेजन की अपील पर कोर्ट बाद में अलग से सुनवाई करेगा।

अपील पर किया था अंतरिम आदेश पारित

फ्यूचर- अमेजन विवाद पर अब दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अमेजन सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। दिल्ली हाईकोर्ट के सिंगापुर ट्रिब्यूनल में अमेजन की मध्यस्थता की कार्यवाही पर रोक फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। पांच जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने सिंगापुर ट्रिब्यूनल में अमेजन की मध्यस्थता की कार्यवाही पर रोक लगाई थी। डिवीजन बेंच ने फ्यूचर ग्रुप की अपील पर अंतरिम आदेश पारित किया था। एक फरवरी को अगली सुनवाई तक मध्यस्थता पर रोक रहेगी। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के सिंगापुर में मध्यस्थता जारी रखने के आदेश पर रोक लगाई गई थी।

CCI ने अमेज़ॅन पर लगाया था 200 करोड़ का जुर्माना

हाईकोर्ट ने कहा था कि CCI द्वारा डील को दी गई मंजूरी पर रोक लगाने और उस पर तथ्यों को छुपाने के फैसले से प्रथम दृष्टया मामला फ्यूचर ग्रुप के पक्ष में है.मंगलवार को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने फ्यूचर की सिंगापुर में मध्यस्थता को समाप्त करने की याचिका खारिज कर दी थी.इसके बाद मामले में डिवीजन बेंच के सामने अपील की गई थी।

दरअसल भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के 18 दिसंबर में 2019 के अमेजन- फ्यूचर डील के लिए मंजूरी को निलंबित कर दिया था. CCI का फैसला था कि अमेजन द्वारा प्रासंगिक जानकारी का खुलासा नहीं किया गया था. CCI ने अमेज़ॅन पर 200 करोड़ का जुर्माना लगाया था लेकिन उसने अमेजन को 17 फरवरी तक नए दस्तावेज़ दाखिल करने का समय दिया, जिसके बाद वह सौदे की अनुमति पर पुनर्विचार करेगा।

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