रायपुर। सांसद राहुल गांधी ने आज छत्तीसगढ़ शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के हितग्राहियों के साथ भोजन किया। भोजन करने वालों में मैनपुर के कुल्हाड़ी घाट के बन सिंह भी शामिल थे। उन्होंने 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कुल्हाड़ी घाट प्रवास के दौरान उनसे हाथ मिलाया था और अब राहुल गांधी के बगल में बैठकर भोजन किया।

राहुल गांधी को बन सिंह ने इस संबंध में बताया तो उन्होंने खुशी जतायी। बन सिंह ने बताया कि तेन्दूपत्ता संग्राहकों को शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दूपत्ता संग्राहक योजना के माध्यम से संग्रहण की अच्छी राशि मिल रही है, जिससे संग्राहक बहुत खुश है। राहुल गांधी ने राजीव गांधी न्याय योजना के हितग्राही भागवत साहू से भी चर्चा की, वे भी उनके बगल में बैठे थे। पंगत में राजीव गांधी न्याय योजना, किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन किसान मजदूर योजना, गोधन न्याय योजना के हितग्राही शामिल थे।
इस अवसर पर राहुल गांधी ने परम्परागत छत्तीसगढ़ी भोजन का स्वाद लिया। फर धनिया से बनी मुनगा भाठा रखिया बड़ी की सब्जी, बिजौरी का स्वाद भी उन्होंने चखा। राहुल गांधी की थाली में टमाटर चटनी भी परोसा गया। धान के कटोरे में व्यंजन भी चावल के ही लोकप्रिय हैं और इसलिए चीला भी थाली में रखा गया था। छत्तीसगढ़ में उत्सवों के अवसर पर चौसेला बनाने का चलन है। इस तरह सांसद राहुल गांधी की थाली में स्वादिष्ट छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की भरमार दिखी और उन्होंने रुचि से इसे खाया। खाने के साथ स्वीट डिश भी परोसा गया। गुलाब जामुन और मूंग हलवा के साथ ही छत्तीसगढ़ का परंपरागत मुर्रा लड्डू भी परोसा गया।
भोजन के पश्चात सांसद राहुल गांधी ने हितग्राहियों से चर्चा भी की। गोधन न्याय योजना की हितग्राही धरसींवा से आई श्रीमती शकुन वर्मा ने भी श्री गांधी के साथ भोजन किया। उन्होंने बताया कि योजना के फलस्वरूप गोबर बेचकर उन्होंने 60 हजार रुपये की राशि कमाई और इस बचत से अपने सपनों को पूरा किया। खेती के अलावा गोबर बेचने से मिली आय से अब बचत काफी बढ़ गई है।
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