संसद

टीआरपी डेस्क। भारत सरकार MSP तय करने के लिए समिति बनाएगी जिसका गठन 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद होगा। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में अहम जानकारी देते हुए बताया है कि केंद्र सरकार एमएसपी को पारदर्शी बनाने के लिए समिति बनाने की घोषणा करेगी। ये घोषणा पांचों राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद की जाएगी।

नवंबर 2021 में केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के बाद किसान MSP की मांग पर अड़ गए थे। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि 2018-19 से पहले ऐसा कोई प्रावधान नहीं था कि MSP को किसानों के लिए लाभकारी बनाया जाए।

MSP यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस या फिर न्यूनतम समर्थन मूल्य। केंद्र सरकार फसलों की एक न्यूनतम कीमत तय करती है, इसे ही MSP कहा जाता है। अगर बाजार में फसल की कीमत कम भी हो जाती है, तो भी सरकार किसान को MSP के हिसाब से ही फसल का भुगतान करेगी।

फसलों की MSP कमीशन फॉर एग्रीकल्चरल कॉस्ट्स एंड प्राइसेस (CACP) तय करता है। आयोग समय के साथ खेती की लागत और बाकी पैमानों के आधार पर फसलों की कम से कम कीमत तय करके अपने सुझाव सरकार के पास भेजता है।

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