रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के तेजी से विकास के लिए गांवों में तैयार उत्पादों को शहरों के मार्केट से जोड़ने की पहल करते हुए शहरों में सी-मार्ट (C-Mart) की स्थापना की घोषणा की थी। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागों की योजनाओं के की मदद से योजना के अंतर्गत महिला स्व सहायता समूहों, शिल्पकारों, बुनकरों, दस्तकारों, कुम्भकारों आदि को रोजगार मुहैया करवाने की बात भी कही गई थी। पारंपरिक एवं कुटीर उद्योगों द्वारा निर्मित उत्पादों को व्यावसायिक ढंग से मार्केटिंग करने की इस योजना के लिए शहरों में आधुनिक शोरूम की तरह सी-मार्ट (C-Mart) स्थापित करने की तैयारियाँ राज्य सरकार ने कर ली हैं।

प्रदेश के लोग इस सी-मार्ट का प्रत्यक्ष अनुभव इन दिनों राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज में चल रहे विकास प्रदर्शनी में कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार के 3 साल पूरे होने के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के विकास कार्यों की प्रदर्शनी लगाई गई है। इस प्रदर्शनी में कृषि विभाग के डोम में सी मार्ट भा लगा हुआ हैष इस सी मार्ट में लोग शहरों में खुलने वाले सी मार्ट में विभिन्न सामग्रियों को देख सकते हैं और खरीद सकते हैं। यहाँ सी मार्ट के अंदर विभिन्न वस्तुओं के अलग अलग स्टॉल लगाए गए हैं। जिनमें प्रदेश के विभिन्न स्थानों के महिला स्व सहायता समूहों, बुनकरों, दस्तकारों, शिल्पकारों, आदि को एक बड़ा मंच मिला है। सी मार्ट में विभिन्न प्रकार के वस्तु उपलब्ध हैं।

कलाकृतियाँ – ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के द्वारा बनाई गई बाँस, रस्सी, मिट्टी और गोबर से बनी कलाकृतियों को सी मार्ट के रुप मे बड़ा मंच मिला है। इन कलाकृतियों में महिलाओं द्वारा निर्मित खिलौने, गमले, चटाई, टोकरियाँ आदि शामिल हैं।

कोविड सेफ्टी उत्पाद – सी-मार्ट में महिला स्व सहायता समूहों द्वारा निर्मित कोरोना से सुरक्षा के उत्पाद भी उपलब्ध हैं। इनमें स्थानीय निर्मित मास्क, सैनेटाईजर आदि उपलब्ध हैं।

खाद्य सामग्री – सी मार्ट में खाद्य सामग्रियाँ ग्रामीण गुणवत्ता और शुद्धता के साथ खरीदे जा सकते हैं। इनमें मसाले चाय, कॉफी, शहद, सब्जियाँ, फल मिलेट्स, अनाज, विष मुक्त खाद्य पदार्थ, मिलेट्स से बने बिस्किट, कुकीज और मिठाईयाँ शामिल हैं। मसालों में जैविक हल्दी, मिर्च, धनिया आदि के पाउडर आदि उपलब्ध हैं। छत्तीसगढ़ में ही उत्पादित चाय और कॉफी को भी लोगों के द्वारा खासा पसंद किया जा रहा है। शहद यहाँ दो प्रकार के हैं एक जिसे मधुमक्खी पालन करके उत्पादित किया गया है और दूसरा जो वन से प्राप्त शहद। मिलेट्स में कोदो, कुटकी, रागी आदि सब उपलब्ध है। इनके अलावा काले गेहुँ का आटा भी यहाँ पसंद किया जा रहा है।

अनाज – वैसे तो आनाज भी खाद्य सामग्री में ही आते हैं। लेकिन यहाँ इनका अलग से वर्णन करना इसलिए आवश्य़क है क्योंकि सी-मार्ट में अनाज के कई प्रकार उपलब्ध हैं। ये सभी प्राक्रितिक कृषि करके उगाए जाते हैं। इनमें विभिन्न प्रकार के चावल, कोदो, कुटकी, रागी, गेहुँ, ब्लैक राइस, ब्राउन राइस, आदि उपलब्ध हैं। इनमें छत्तीसगढ़ के GI टैग्ड उत्पाद, नगरी दुबराज और जीरा फूल चावल भी शामिल हैँ। प्राकृतिक रूप से खेती करने के कारण ये सभी उत्पाद बेहद अच्छे और शुगर और किडनी की बीमारी जैसे असाध्य रोगों में भी लाभदायक होते हैं।

कृषि उत्पाद – सी-मार्ट में किसानों के द्वारा किसानों के लिए बनाए गए उत्पाद भी उपलब्ध हैं। यहाँ वर्मी कम्पोस्ड और प्राकृतिक रुप से बने जैविक खाद, प्राकृतिक कीटनाशक और ग्रोथ प्रमोटर भी उपलब्ध हैं। इनका निर्माण गोमूत्र और गोबर से किया जाता है। इनके प्रयोग से फसलों पर कोई बुरा प्राभाव नहीं पड़ता है। और फसल की गुणवत्ता में वृद्धि भी होती है।

डेयरी उत्पाद – ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन बड़ी आम बात है। और ग्रामीणों को इससे ही अतिरिक्त रोजगार का एक साधन दे रहा है सी-मार्ट। सी मार्ट में ग्रामीण क्षेत्र के बने डेयरी उत्पादों की खासी मांग है। जिनमें घी, पेड़ा, मिठाई, खोवा आदि शामिल हैं।

बस्तर कॉफी – सी-मार्ट में सबसे बड़ा आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है बस्तर कॉफी। सी-मार्ट में बस्तर में ही उत्पादित की गई उच्च गुणवत्ता की कॉफी के लिए बस्तर कैफै का स्टॉल लगाया गया है। यहाँ लोग प्रदेश के बस्तर अंचल की कॉफी खरीद सकते हैं और पी कर मजा भी ले सकते हैं। बस्तर कैफै के काउंटर पर लगातार भीड़ लगी रहती है।

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