रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने वित्तीय सत्र 2022-23 के लिए अपना बही खाता प्रस्तुत किया है। इस बही खाते के अनुसार इस सत्र में कंपनी के द्वारा 14 हजार 969 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वहीं कंपनी इस सत्र में बिजली बेचकर 18 हजार 614 करोड़ रुपये की कमाई होगी। इसका अर्थ है कि कम्पनी को इस सत्र में लगभग 3 हजार 645 करोड़ रुपयों का लाभ होगा।

साल भर में 3,645 करोड़ का लाभ होने के बाद भी इसका फायदा प्रदेश की जनता को नहीं मिल पाएगा। बल्कि इसके उलट प्रदेशवासियों की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ सकता है। अर्थात बिजली की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। इसका कारण यह है कि सत्र 2021-22 में कंपनी ने जो कमाई प्राप्त करने का अनुमान लगाया था। उसकी तुलना में 4 हजार 388 करोड़ राजस्व कम मिला था। इसलिए सत्र 2022-23 में 3,645 का लाभ होने के बाद भी विगत सत्र में हुए नुकसान की भरपाई नहीं हो पाएगी। इतनी कमाई के बाद भी कंपनी लगभग 743 करोड़ के नुकसान में ही रहेगी। जिसकी भरपाई का एक मात्र तरीका बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी करना है। इसलिए ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश में जल्द ही बिजली का कीमतों में वृद्धि देखने को मिल सकती है। हालांकि कंपनी की ओर से बिजली की कीमतें बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं किया गया है। इसका अंतिम फैसला बिजली नियामक आयोग के द्वारा ही किया जाएगा।

अप्रैल में लागू होगा नया टैरिफ

आयोग में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के नए टैरिफ को लेकर तैयारियों में जुटी है। और इसे लेकर 24 और 25 फरवरी को जनसुनवाई का आयोजन किया गया है। इसमें आम जनता के सुझाव से टैरिफ पर फैसला लिया जाएगा। वस्तुतः आवक जावक का पूरा ब्यौरा देखने के बाद आयोग ही तय करता है कि कंपनी के टैरिफ का क्या फैसला करना है। संभावनाएं हैं कि आयोग कंपनी के घाटे को 743 करोड़ का मानने से इनकार कर दे और इससे कम का ही माने। यदि ऐसा होता है तो बिजली की कीमतों मे कम इजाफा देखने को मिलेगा। यह भी संभावित है कि कीमतों में कोई अंतर न आए। जो भी फैसला हो उसे अप्रैल की पहली तारिख सो लागू करने की तैयारी है।

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